मतदान दौरान 2 शराबियों के बीच फंस गया उम्मीदवार!

10/22/2019 10:10:48 AM

डेस्कः हरियाणा में सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान दौरान अजब-गजब नजारे देखने को मिले। बूथों के निरीक्षण को लेकर दौरे पर निकला एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का उम्मीदवार 2 शराबियों के बीच फंस गया। उनमें यह बहस चल रही थी कि मैं अपने बूथ से अधिक वोटों से बढ़त दिलवाऊंगा। दूसरा कह रहा था-शर्त लगा लो, मेरे बूथ से ज्यादा लीड मिलेगी। बहसबाजी के कारण लोगों का मजमा लग गया। उम्मीदवार दोनों की बहस में धर्म संकट में फंसा था,मामला बिगड़ता देख उम्मीदवार को कहना पड़ा-तुम दोनों ने मुझे कहीं से बढ़त नहीं दिलानी,यही हाल रहा तो तुम दोनों ने अपना वोट भी मुझे नहीं देना।

आशा वर्कर के बूथ पर पुरुष!
मतदाताओं को जागरूक करने के लिए बूथों के बाहर आशा वर्करों की नियुक्ति की गई। कुर्सी-मेज लगाकर वोटर लिस्ट के साथ उनको बिठाया गया। आशा वर्कर अपने स्थान पर अपने पति को बैठाकर अहोई व्रत की पूजा करने चली गई तभी निरीक्षण को निर्वाचन अधिकारी आ गई। आशा वर्कर के स्थान पर किसी पुरुष को देख अधिकारी का माथा ठनका। आशा वर्कर महिलाएं होती हैं,अधिकारी ने जवाब-तलबी की तो उसने बताया कि पत्नी ने अहोई का व्रत रखा था,पूजा करने जाना था,मुझे बैठा दिया ताकि बूथ खाली न रहे।

पहले हाथ मिलवाओ, फिर वोट दूंगा!
मतदान के दिन भी कुछ लोगों के नखरे कम नहीं होते। मान-मनौव्वल का खेल आज भी चलता रहा। एक हठी वोटर इस बात पर अड़ गया कि मैं आपको तभी वोट दूंगा जब अमुक पार्टी के उम्मीदवार से मेरा हाथ मिलवाओगे, आखिर उसके हठ की जीत हुई,हाथ मिलवाने पर ही उसने वोट डाला।

किसने किसके कहने पर वोट दिया!  
आज यह चर्चा छाई रही कि पार्टी के विभीषणों और जयचंदों ने विरोधी उम्मीदवार को कितने वोट डलवाने का काम किया,किसी ने व्हाट्सएप पर संदेश प्रसारित किए,किसी ने अपनी बिरादरी के नाम पर पार्टी को अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया,दूसरी ओर कुछ लोगों का यह भी मत था कि बीबी तो घर में कहना मानती नहीं तो लोग कैसे कहना मान वोट डाल देंगे।

लगा ही नहीं चुनाव हैं!
कुछ शहरों में लगा ही नहीं कि चुनाव हैं,बाजार खुले रहे, कई मतदान केंद्र सूने रहे,शहरी लोगों ने कम रुचि दिखाई जबकि ग्रामीण इलाकों में उत्साह देखा गया। महिलाएं झुंड बनाकर वोट करने गईं, शहरों में बूथों पर जातीय रंग स्पष्ट दिखाई दिया।

Isha