IAS अधिकारी अरबी घोड़े की तरह होते हैं, इनके ऊपर सवार अच्छे होने चाहिए: कैप्टन यादव

5/11/2018 9:23:18 AM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, 6 बार विधायक रहे व 3 बार मंत्री रहे कैप्टन अजय यादव का कहना है भाजपा सरकार सत्ता में आने से पहले अशोक खेमका व प्रदीप कासनी जैसे अधिकारियों के चेहरों की व्याख्या कर सत्ता में तो आई मगर सत्ता प्राप्ति के बाद उनका क्या किया वह सब जानते हैं। अजय यादव का मानना है कि आई.ए.एस. अधिकारी अरबी घोड़े की तरह होते हैं, इनके ऊपर सवार अच्छे होने चाहिएं। बंसी लाल कहा करते थे कि सवार अच्छा होगा तो ये घोड़े ठीक चलेंगे। इनकी लगाम डाल कर ठीक से चलाएंगे तो ये ठीक चलेंगे, अगर इनकी लगाम ढीली छोड़ देंगे तो ये बेकाबू हो जाएंगे। आज हरियाणा पूर्णतया बेकाबू हो चुका है। यादव ने कहा कि वह आगामी चुनाव गुरुग्राम लोकसभा सीट पर लड़ना चाहते हैं व रेवाड़ी विधानसभा से उनके पुत्र चिरंजीव राव चुनाव लड़े। पार्टी हाईकमान जैसा कहेगी वैसा वह करेंगे। पंजाब केसरी प्रतिनिधि चंद्रशेखर धरणी ने उनसे इन सब मुद्दों पर एक्सक्लूसिव बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के मुख्य अंश-

प्र.-इस गर्मी के मौसम में अहीरवाल बैल्ट में बड़े-बड़े नेता गर्मी में पसीना बहाते देखे जा रहे हैं?
उ. -1952 से लेकर 2014 तक अहीरवाल बैल्ट में कांग्रेस का कोई न कोई प्रतिनिधि अवश्य रहा है। 2014 के चुनावों में पहली बार कांग्रेस उम्मीदवार यहां से हारा। विपक्ष का कमजोर होना लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। आज विकास के नाम पर कोई भी काम नहीं हो रहे। मुख्यमंत्री ने एम्स बनाने की घोषणा की थी। मनेठी गांव में मैडीकल कालेज खोलने की बात की थी। उसका ठीकरा उन्होंने राव इंद्रजीत पर फोड़ दिया कि ये जबरदस्ती घोषणाएं करवाई गई थीं। अतीत में जितने विकास हुए मेरे प्रयासों से हुए। सैनिक स्कूल, यूनिवर्सिटी, पॉलीटैक्निक कालेज, डिग्री कालेज सब तभी खुले थे। सांसद राव इंद्रजीत 4 साल तक तो कुछ नहीं बोलते मगर जब चुनाव निकट हों तो यह रंग बदलते हैं।

प्र.-वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियां कैसी हैं?
उ.-आज राजनीति में प्रोफैशनल लोग आ रहे हैं। माफिया हावी हो रहा है, निर्मल सिंह इसीलिए जेल में बंद हैं क्योंकि उन्होंने माफिया के खिलाफ आवाज उठाई, विरोध किया था। हरियाणा का बजट 1 लाख 15 हजार करोड़ का है। हरियाणा सरकार पर 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए का कर्जा है। ब्याज में 30 प्रतिशत, 35 प्रतिशत पैंशन व कर्मचारियों के वेतन में जाता है। बाकी 25 प्रतिशत में मैडीकल कालेज व अन्य सब सुविधाएं चुनौती से कम कहां हैं। सरकार ने स्वामीनाथन कनीशन का वायदा किया वह पूरा नहीं हुआ। 

प्र.-कांग्रेस की हालत तो देखिए, लीडर कितने हैं-हुड्डा, तंवर, अजय यादव, किरण चौधरी, शैलजा, कुलदीप बिश्नोई। कांग्रेस के 13 विधायक तो तंवर हटाओ की मुहिम भी चलाए हुए हैं?
उ.-सभी लीडर्स का अपने क्षेत्रों में पूरा जनाधार है, अपने-अपने जनाधार वाले क्षेत्रों को संभाल लें। मिलकर चलें-नेतृत्व का फैसला राहुल गांधी या सोनिया गांधी पर छोड़ दें। 2005 में वह सी.एल.पी. लीडर व भजन लाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे। कांग्रेस को 67 सीटें आई थीं। 2009 में हुड्डा के नेतृत्व में लड़े चुनाव में ये सीटें 40  रह गई, 2014 में ये सीटें 15 तक सिमट गई थीं। यह कहना कि कोई व्यक्ति संगठन से बड़ा होता है यह गलत है। 

प्र.-आप अगला चुनाव विधानसभा का लड़ेंगे या लोकसभा का?
उ.-इच्छा तो गुरुग्राम लोकसभा से चुनाव लडऩे की है। विधानसभा का चुनाव बेटे चिरंजीव राव को रेवाड़ी से लड़वाने का विचार है। सब पार्टी हाईकमान के हाथ में है, जो निर्णय होगा मान्य होगा। चिरंजीव 15 साल से सक्रिय राजनीति में है, एन.एस.यू.आई. का इलैक्टेड प्रधान रहा है।

प्र.-आपके समधी लालू यादव तो आजकल संकट में हैं? 
उ.-अघोषित आपातकालीन की स्थिति है। लालू को एम्स से बीमारी की हालत में जेल भेजा जाता है। लालू आजकल मानसिक तनाव में हैं। बिहार का अगला मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनेगा। 

प्र.-इनेलो-बसपा गठबंधन को किस रूप में लेते हैं?
उ.-इनेलो-बसपा गठबंधन बहुत लम्बा चलने वाला नहीं है। 1999 से 2004 के बीच मायावती जिस दल को दलित विरोधी कह चुकी हों उसका साथ निभाना कठिन है।

प्र.-सी.एम. निवेश के मुद्दे पर विदेश यात्रा पर हैं?
उ.-100 प्रतिशत पूंजी निवेश बिल पास करके मेड इन इंडिया की बात तो भाजपा खत्म कर चुकी है। अब तो मेड इन चाइना है। हमारे समय भी मुख्यमंत्री विदेश जाते रहे हैं। जितनी पूंजी निवेश होनी चाहिए थी आज तक नहीं हुई है। 

प्र.-भाजपा के हरियाणा के साढ़े 3 वर्ष के शासन को किस रूप में देखते हैं?
उ.-
भाजपा कानून व्यवस्था व प्रशासनिक नियंत्रण में फेल रही है। मासूम बच्चियों, युवतियों से दुष्कर्म, चोरी-डकैती, हत्याओं का सिलसिला बढ़ा है। आई.ए.एस. अधिकारी इनके कहने से बाहर हैं। भाजपा सरकार सत्ता में आने से पहले अशोक खेमका व प्रदीप कासनी जैसे अधिकारियों के चेहरों की व्याख्या कर सत्ता में तो आई मगर सत्ता प्राप्ति के बाद उनका क्या किया वह सब जानते हैं।
 
प्र.-आप अहीरवाल रैजीमैंट की मुहिम चलाए हुए हैं?
उ.-यह इसलिए जरूरी है क्योंकि 1857 में राव तुलाराम व राव गोपाल देव ने जब अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल बजाया तो अंग्रेजों ने अहीरवाल रैजीमैंट का प्रस्ताव खारिज कर दिया। मुस्लिम देश में 20 प्रतिशत हैं तो यादव 14 प्रतिशत। 1965, 1971 व कारगिल युद्ध में अहीर वालों ने सबसे ज्यादा कुर्बानियां दीं। जाट, सिख, डोगरा, कुमाऊं रैजीमैंट हो सकती हैं तो अहीरवाल रैजीमैंट क्यों नहीं। इस वक्त यह मुद्दा पूरे देश के अलग-अलग प्रांतों में यादव लोगों ने सामूहिक रूप से उठाया हुआ है। 


 

Nisha Bhardwaj