प्रशासन व सरकार के लिए नासूर बना ओवरलोड वाहन

6/6/2019 12:22:19 PM

यमुनानगर (त्यागी): लंबे समय से शहर के अंदर व बाहरी सड़कों पर ओवर लोड गाडिय़ां सभी कानूनों को टायरों तले रौंदती हुई आगे गुजर रही हैं और इन्हें कोई पूछने वाला नहीं। जिला प्रशासन भी इस मामले पर कई बार हाथ खड़े कर चुका है, अब पार्टी ने भी आश्वासन दिया है कि इस दिशा में कार्य होगा और ओवर लोड पर अंकुश लगेगा। ओवरलोड केवल शहर के बाहर की सड़कों पर ही नहीं बल्कि उन सड़कों पर भी धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिन सड़कों पर चलने का इन्हें अधिकार नहीं है और ये क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र है। दोनों और केवल साइन बोर्ड लगाकर औपचारिकता पूरी कर ली गई है जिन पर लिखा है कि भारी वाहनों का प्रवेश निषेध है।

रातभर शहर की सड़कों पर ओवर लोड वाहन दौड़ते है और उन्हें कोई रोकता नहीं। यदि पुलिस से इस बारे में कभी बात की जाती है तो पुलिस का कहना होता है कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि ओवरलोड को रोकने का अधिकार तो केवल आर.टी.ए. को ही दिया गया है। इससे कुछ समय पूर्व यह अधिकारी दर्जन भर विभागों को दिया गया था और एक दर्जन से अधिक नाके जिले में लगाए गए थे। उस समय भी ओवरलोड पर अंकुश नहीं लगा था लेकिन नाकों पर जिन अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी थी उनमें से अधिकतर की जेबें जरूर भरी जा रही थी। पिछले 5 वर्षों से ओवरलोड जिला प्रशासन व सरकार के लिए नासूर बना हुआ है। अब तो ऐसा लगता है कि ओवरलोड चाहकर भी सरकार व प्रशासन नहीं रोक सकता।  

शहर की सारी सड़कें चढ़ गई ओवरलोड की भेंट 
ओवरलोड की वजह से शहर की शायद ही कोई ऐसी सड़क हो जो न टूटी हो। शहर की सड़कों को जितने वजन के लिए सक्षम बनाया गया है उससे कहीं अधिक वजन उन पर चल रहा है। ऐसे में सड़कों का टूटना स्वाभाविक है। हर विभाग व सरकार को पता है कि सड़कों के टूटने के पीछे ओवरलोड ही मुख्य रूप से जिम्मेदार है, लेकिन ओवरलोड को रोकने में प्रशासन असफल दिखाई दे रहा है। ओवरलोड की वजह से ही आए दिन सड़कों पर दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है और न जाने कितने लोग ओवरलोड की भेंट चढ़ चुके हैं, जिन सड़कों पर ओवरलोड वाहनों का चलना प्रतिबंधित है उन सड़कों पर भी इन ओवरलोड वाहनों ने नहीं छोड़ा। 

शहर की सबसे खूबसूरत कही जाने वाली गोङ्क्षबदपुरी रोड जिस पर की भारी वाहनों का चलना निषेध है लेकिन भारी वाहनों ने इस सड़क को भी तोड़कर रख दिया है। इस सड़क के दोनों और पहले प्रशासन ने बैरीकेट लगवाए हुए थे ताकि कोई ट्रक इस सड़क पर घुस ही न सके, लेकिन इन बैरीकेट को भी ट्रक चालकों ने तोड़कर सपाट रास्ता बना लिया है। हालांकि कई बार प्रशासन ने दोबारा बैरीकेट भी लगाए हैं लेकिन अब प्रशासन ने जब हाथ ही खड़े कर दिए हैं तो ऐसे में बैरीकेट लगाने पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिसके चलते अवैध रूप से ओवर लोड के ट्रक इस मार्ग से गुजर रहे हैं। ओवरलोड वाहनों की लाइन टूटने का नाम नहीं लेती।  

सख्ती से ओवरलोड पर लगाया जाएगा अंकुश 
ओवरलोड वाहनों के संबंध में भारतीय जनता पार्टी के सह प्रवक्ता ने गत दिवस ही कहा था कि अब ओवरलोड पर नकेल कसी जाएगी। सह प्रवक्ता भारत भूषण जुयाल का कहना था कि ओवरलोड पर अंकुश लगाने के लिए सरकार व प्रशासन अपनी तरफ से तमाम प्रयास किए हुए हैं, जिसके चलते ओवर लोड वाहनों पर कार्रवाई भी की जा रही है। जुयाल का कहना था कि ओवर लोड वाहनों पर अब ओर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा क्योंकि ओवर लोड वाहन ही सड़कें तोडऩे व दुर्घटनाओं के मुख्य कारण बने हुए हैं।  

Isha