मल्टीपल प्लाट अलॉटमेंट स्कैम: हाइप्रोफाइल लोगों सहित 59 पर मामला दर्ज (VIDEO)

2/22/2018 2:38:41 PM

पंचकूला(उमंग श्योराण): हरियाणा के मल्टीपल प्लाट अलाटमेंट स्कैम में एफ आई आर दर्ज हुई है। एफ आई आर में 59 लोगों के नाम हैं जिनमे सभी क्रीमीलेयर शामिल हैं। इनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन लोगों ने हरियाणा विकास प्राधिकरण से रिजर्व कैटागिरी के कई प्लाट हासिल कर लिए थे जबकि नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति केवल एक प्लाट ही ले सकता था। खेल मिली भगत और धोखाधड़ी से खेला गया और मामला पांच साल बाद हाई कोर्ट के निर्देशों से दर्ज हुआ है। 



वर्ष 2013 में एक आर्मी मैन ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से काफी लोगों ने रिजर्व कैटागिरी के अलग अलग जिलों में कई कई प्लाट हासिल कर लिए हैं, जबकि नियमों के मुताबिक़ एक लाभपात्र केवल एक ही प्लाट हासिल कर सकता है। इस याचिका के आधार पर हाई कोर्ट ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को जांच के लिए कहा और एक के बाद एक ऐसे मामले सामने आये जिनमे यह पाया गया कि कई रसूखदार लोग धोखाधड़ी करके एक से ज्यादा प्लाट हासिल कर गए। 



जिन लोगों ने धोखाधड़ी का यह खेल खेल कर गैर कानूनी तरीके से प्लाट हासिल किए उनमे हुडा के सीनियर टाउन प्लानर टीपी सिन्हा का बेटा बीपी सिन्हा, आई आर एस अधिकारी बुद्धिराजा का बेटा बीके दीवान आदि जैसे बड़े नाम शामिल हैं। 

इस खेल में कितना बड़ा लालच छिपा था इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रिजर्व कैटागिरी के 14 मरले के एक प्लाट की ओपन मार्किट में कीमत करीब 90 लाख रूपये थे जबकि जनरल कैटागिरी में इसी प्लाट की कीमत करीब 45 लाख रूपये थी। रिजर्व कैटागिरी में इन प्लॉट्स की कीमत 25 से 30 लाख रूपये के बीच थी। फिलहाल पुलिस ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है लेकिन देखना यह होगा कि पुलिस आरोपों के मुताबिक़ क्या क्या सबूत जुटा सकती है?

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर एचएसवीपी ने सर्वे करवा ऐसे प्लॉट अलॉटियों की लिस्ट तैयार की जिसके बाद ये एफआईआर यहां पंचकूला में दर्ज करवाई जा रही हैं।

इस लिस्ट में एचएसवीपी के ही सीनियर टाउन प्लानर ऑफिसर टी पी सिन्हा के बेटे बी पी सिन्हा का भी नाम है क्योंकि उन्होंने भी रिजर्व/डिफेंस कैटेगरी में प्लॉट लिया और उसके बाद दोबारा से प्लॉट लिया।

वहीं, एक आईआरएस अधिकारी बुद्धिराज के बेटे बी के दीवान के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है क्योंकि इन्होंने भी इस कैटेगरी के प्लॉट को लिया। एचएसवीपी की इस लिस्ट और एफआईआर में जिन लोगों के नाम हैं वे हरियाणा, चंडीगढ़ के हाइप्रोफाइल लोग हैं क्योंकि इन लोगों ने कई-कई प्लॉट लिए हुए हैं जो करोड़ों रुपए कीमत के हैं।

बी के दीवान पर मामला दर्ज कर लिया गया है। क्योंकि उनके पास चंडीगढ़ सेक्टर 11 और पंचकूला सेक्टर 11 में प्लॉट था। उसके बाद भी रिजर्व कैटेगरी का फरीदाबाद के सेक्टर 21ए में प्लॉट नंबर 803 खरीदा गया।

दरियाव सिंह को 2002 में सेक्टर 27 में प्लॉट अलॉट हुआ था। उसके बाद भी उसने गुडग़ांव के सेक्टर 45 में प्लॉट नंबर 1305,झज्जर, बहादुरगढ़, सोनीपत में चार प्लॉटों को खरीदा। ये प्लॉट रिजर्व कैटेगरी के थे।

महेंद्रगढ़ के रहने वाले मोलड़ राम को करनाल के सेक्टर 4 में प्लॉट नंबर 1885 अलॉट हुआ था। उसके बाद वर्ष 2001 में फरीदाबाद के सेक्टर 65 में प्लॉट नंबर 2022, बहादुरगढ़ के सेक्टर 2 में प्लॉट नंबर 333, फरीदाबाद के सेक्टर 65 में प्लॉट नंबर 1512 को लिया। ये प्लॉट रिजर्व कैटेगरी के थे।

रोहतक के रहने वाले सुरेंद्र ने वर्ष 2002 में पंचकूला सेक्टर 27 में प्लॉट नंबर 196ए को अलॉट करवाया। उसके बाद 2002 में फरीदाबाद सेक्टर 65 का प्लॉट, सोनीपत सेक्टर 7 में प्लाट नंबर 880 अलॉट करवाया।

रोहतक के रहने वाले ओमप्रकाश ने रिजर्व कैटेगरी में सेक्टर 20 के प्लॉट नंबर 626 को अलॉट करवाया था। जिसके बाद उसने 2000 में रोहतक के सेक्टर 2पी में प्लॉट नंबर 869, वर्ष 2004 में फरीदाबाद सेक्टर 3 के प्लॉट नंबर 768, वर्ष 2009 में हिसार के सेक्टर 5पी में प्लॉट नंबर 686 को अलॉट करवाया।

रोहतक के रहने वाले धर्मबीर सिंह के पास पंचकूला सेक्टर 28 में प्लाट था, जिसके बाद भी उसने रिजर्व कैटेगरी में भिवानी सेक्टर 13के प्लॉट नंबर 2439पी, सोनीपत सेक्टर 12 में प्लॉट नंबर 1391,फरीदाबाद सेक्टर 45 में प्लॉट नंबर 82, जींद सेक्टर 9 में प्लॉट नंबर 713 को अलॉट करवाया।

फरीदाबाद की रहने वाली सरती देवी के पास पंचकूला सेक्टर 21 में प्लॉट था। उसके बाद भी रिजर्व कैटेगरी के पंचकूला सेक्टर 26 में प्लॉट नंबर 606, सिरसा सेक्टर 20 में प्लॉट नंबर 1424, हिसार के सेक्टर 16-17 में प्लॉट नंबर 1722 को अलॉट करवाया।

चंडीगढ़ सेक्टर 21बी के रहने वाले सतीश कुमार ने रिजर्व कैटेगरी में वर्ष 1994 में एमडीसी सेक्टर 4 के प्लॉट नंबर 20पी को लिया था। जबकि वर्ष 1992 में एमडीसी-4 में ही प्लॉट नंबर 354 उनके पास था।

पंचकूला सेक्टर 8 में रहने वाले राजेश कुमार के पास सेक्टर 21 में रिजर्व कैटेगरी का प्लॉट था। उसके बाद भी उसने वर्ष 1995 में करनाल सेक्टर 8 में प्लॉट नंबर 278, फरीदाबाद के सेक्टर 2 में प्लॉट नंबर 1889, रेवाड़ी के सेक्टर 4 में प्लॉट नंबर 1648पी को रिजर्व कैटेगरी के तहत लिया।

चंडीगढ़ सेक्टर 41बी में रहने वाली राधा के पास पंचकूला सेक्टर 21में 2745पी नंबर का रिजर्व कैटेगरी का प्लॉट था। उसके बाद भी उसने वर्ष 2004 में गुडग़ांव के सेक्टर 51 में प्लॉट नंबर 734, वर्ष2007 में रोहतक के सेक्टर 4 में प्लॉट नंबर 1740 को अलॉट करवाया।

मंगल सैनी के पास सेक्टर 26 में रिजर्व कैटेगरी का प्लॉट था। उसके बाद भी उसने अंबाला सेक्टर 10 में प्लॉट नंबर 809, गुडग़ांव सेक्टर 46 में प्लॉट नंबर 936 रिजर्व कैटेगरी में अलॉट करवाया।
रामेश्वर दास के पास पंचकूला सेक्टर 26 में प्लॉट नंबर 1387 रिजर्व कैटेगरी के तहत था। उसके बाद भी उसने गुडग़ांव में दो प्लॉट िरजर्व कैटेगरी के लिए, जिनमें एक सेक्टर 45 में प्लॉट नंबर 984 अलॉट करवाया।

हुडा के सीनियर टाउन प्लानर टी पी सिन्हा के बेटे बी पी सिन्हा के नाम पंचकूला सेक्टर 11 में प्लॉट नंबर 1205 रिजर्व कैटेगरी है। उसके बाद भी रिजर्व कैटेगरी में ही गुडग़ांव सेक्टर 17 में प्लॉट नंबर 207 को अलॉट करवाया।