हरियाणा : पराली जलने के केस इस साल भी बढ़े, अब तक सामने आए 1928 मामले

punjabkesari.in Saturday, Oct 17, 2020 - 10:47 AM (IST)

चंडीगढ़ (विजय गौड़) : हरियाणा में तमाम प्रयासों के बावजूद पराली जलने के मामले कम होने की बजाय तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना की जाए तो इस साल मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एच.एस.पी.सी.बी.) की ओर से जारी आंकड़ों अनुसार 16 अक्तूबर, 2019 तक 1072 मामले सामने आए थे लेकिन इस साल आंकड़ा बढ़कर 1928 तक पहुंच गया है। इससे साबित होता है कि पराली जलाने से रोकने के लिए राज्य सरकार की योजनाओं पर किसान गंभीरता से अमल नहीं कर रहे हैं।

यही वजह है कि अब प्रदेश सरकार कुछ ऐसे फैसले ले सकती है जिनसे ऐसे मामलों को कम किया जा सके। खासकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली एन.सी.आर. में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर नए आयोग के गठन के बाद हरियाणा सरकार भी कुछ सख्त फैसले ले सकती है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता है लेकिन सरकार अपने स्तर पर प्रयास करेगी। 

क्यों बढ़े मामले जल्द होगी रिपोर्ट तैयार
पराली जलाए जाने के मामले कम होने की बजाय बढऩे से सरकार की ङ्क्षचता और बढ़ा दी है। यही कारण है कि अब सरकार उन कारणों का पता लगाने का प्रयास करने वाली है जिनकी वजह से पराली जलने का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसके लिए विभिन्न विभाग किए गए प्रयासों को लेकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। एच. एस. पी. सी. बी. के मैंबर सैक्रेटरी एस. नारायणन के अनुसार किसानों को ईको फ्रैंडली उपकरण भी दिए जा चुके हैं लेकिन फिर भी पराली जलने के मामले बढऩा काफी गंभीर मामला है जिसकी जांच की जा रही है।

करनाल और कुरुक्षेत्र सबसे आगे
करनाल और कुरुक्षेत्र दो ऐसे जिले हैं जहां सबसे अधिक पराली जलाई जा रही है। करनाल में 16 अक्तूबर तक जहां 398 मामले सामने आ चुके हैं वहीं, कुरुक्षेत्र में 393 जगह आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। कैथल (290) और अम्बाला (253) भी ज्यादा पीछे नहीं हैं। पिछले साल तक सभी जिलों में पराली जलाए जाने के मामले कम थे।


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Manisha rana

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