किसानों के खाते में सीधे भुगतान को लेकर कच्चा आढ़तियों में रोष

5/1/2018 9:12:19 AM

गुहला-चीका(गोयल): सरकार द्वारा ई-ट्रेंडिंग व किसान के खाते में सीधे भुगतान को लेकर एशिया की प्रमुख अनाज मंडी में आज फिर दूसरे दिन हड़ताल रही और किसानों को अपना गेहूं बेचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जहां सरकार की उक्त ई-ट्रेंडिंग व सीधे भुगतान का आढ़ती विरोध कर रहे है। वहीं किसान भी उक्त पॉलिसी से संतुष्ट नहीं है। 

आढ़तियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जारी किए गए फरमान को वापस नहीं लिया तो कोई भी आढ़ती गेहूं की ढेरी सरकारी के एच.वन रजिस्टर में दर्ज नहीं करवाएगा। चीका आढ़ती एसोसिएशन उप-प्रधान रति राम व सक्रिय सदस्य सतपाल जैन ने कहा कि सरकार व्यापारियों को फेल करने पर तुली हुई है क्योंकि कच्चा आढ़ती व किसानों में आपसी भाईचारा पिछले 70 वर्षों से चला आ रहा है।

सरकार की मंशा है कि व्यापारियों व किसानों के भाईचारे को तोड़ा जाए। उन्होंने कहा सरकार किसानों व आढ़तियों के हित में फैसले ले न कि उनके खिलाफ। एक तरफ तो सरकार व्यापारियों को सरकार की रीढ़ होने का दावा कर रही है लेकिन दूसरी तरफ व्यापारियों के पेट में छुरा घोंप रही है। ताकि वे दो वक्त की रोटी के भी मोहताज हो जाएं।

व्यापारियों ने यह भी कहा कि जब तक सरकार अपनी इस तुगलकी फरमान को वापस नहीं लेती तब तक किसी भी किसान की एक भी ढेरी उक्त प्रणाली के तहत नहीं बेची जाएगी। हालांकि आज व्यापारियों ने किसानों द्वारा लाए धान को सुरक्षा हेतु उसे स्टोर कर दिया है जिसे बाद में फैसला होने पर सरकार के खाते में दिया जाएगा। व्यापारी रणबीर सिंह, राजकुमार जाखौली, सन्नी, कर्मचंद, राजेश कुमार, राजेश जैन, प्रदीप वोहरा, ज्ञान गोयल, नरैण सिंह, रामलाल गर्ग, जे.डी. गुप्ता, सतप्रकाश आदि ने बताया कि व्यापारी इस मामले में पूरी तरह एकजुट हैं और किसी भी कीमत पर जब तक हड़ताल वापस नहीं लेंगे तब तक सरकार अपने इस बेतुके फरमान को वापस नहीं लेती।
 

Rakhi Yadav