100 किलो चरस बिना रिकार्ड एंट्री के नष्ट करने की जांच सी.बी.आई. को

12/21/2018 10:36:24 AM

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): ज्यूडीशियल मालखाने से 100 किलो से अधिक चरस हटाए जाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. जांच के आदेश दिए हैं। डिवीजन बैंच ने मामले में इस उद्देश्य के लिए महीने की समयसीमा तय की है। रिकार्ड में एंट्री के बिना 100 किलो से अधिक भार के इस ड्रग को नष्ट करने के लिए निकाला गया था। यह चरस 7 अक्तूबर-2011 को सीज की गई थी और सांपला थाने के मालखाने में रखी गई थी। केस प्रॉपर्टी के रूप में चरस को अगले दिन ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था और 10 अक्तूबर को पुन: थाने के मालखाने में रखवा दिया गया था। इसके बाद इसे ज्यूडीशियल मालखाना रोहतक में जमा करवा दिया गया था, जिसके बाद 16 मई 2012 को इसे नष्ट कर दिया गया। हालांकि मालखाने में बल्क और सैंपल्स की एंट्री थी मगर ऐसी कोई एंट्री नहीं थी कि कब चरस नष्ट किए जाने के लिए ले जाया गया। 

इसे हाईकोर्ट ने गंभीर कोताही पाया। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस अफसर, जिनमें डी.एस.पी. गजेंद्र सिंह, ए.एस.आई. सुरेंद्र सिंह और अन्य पुलिसकर्मी सांपला थाने के श्री भगवान कोर्ट को नहीं बता पाए कि कैसे 100 किलो से अधिक चरस को ज्यूडीशियल मालखाने से नष्ट करने के लिए ले जाया गया। हाईकोर्ट ने मामले में सी.बी.आई. को जांच सौंपते हुए कहा कि जांच करें कि कैसे और किस तरीके से 16 मई 2012 को कोंट्राबैंड ज्यूडीशियल मालखाने से नष्ट करने के लिए निकाली गई। हाईकोर्ट ने सील्ड कवर में इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. को यह भी कहा है कि डिप्टी सुपरिंटैंडैंट से कम रैंक का अफसर मामले की जांच न करे। सी.बी.आई. चंडीगढ़ ऑफिस के एस.पी. को इन आदेशों की कॉपी देने के निर्देश दिए गए हैं।

Rakhi Yadav