हिमाचल के निर्दलीय तथा कांग्रेस से नाराज चल रहे विधायकों को केंद्र ने दी वाई प्लस सुरक्षा- होशियार सिंह
3/5/2024 3:54:07 PM
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हिमाचल प्रदेश की सर्दी अभी खत्म नहीं हुई, लेकिन राजनीतिक तापमान पूरा सर चढ़कर बोल रहा है। राजनीतिक परिस्थितियां बिल्कुल दिलचस्प बनी हुई है। अपनी एकमात्र राज्यसभा की सीट भी वहां की कांग्रेस सरकार नहीं जीत पाई। अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस की बहुमत में सरकार के बावजूद राज्यसभा सांसद नहीं बन पाए, क्योंकि खुद 6 कांग्रेसी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी। भाजपा के हर्ष महाजन सांसद चुने गए थे। इस मौके पर तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में वोट दिया था। भाजपा ने सुक्खू सरकार के अल्पमत में होने का दावा करते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। विधानसभा स्पीकर ने 6 कांग्रेसी विधायकों को अयोग्य करार देने के साथ-साथ 15 भाजपा विधायकों को भी सदन से निलंबित कर दिया था तथा विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद सुरक्षा कारणों के चलते चंडीगढ़ में हिमाचल के कुछ विधायक मौजूद हैं। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा ए+ की सुरक्षा इन्हें दी गई है। इनमें से एक निर्दलीय देहरा विधानसभा के विधायक होशियार सिंह से पंजाब केसरी ने विशेष बातचीत की। कुछ आपके सामने प्रस्तुत हैं :-
प्रशन:- हिमाचल में ऐसे राजनीतिक माहौल के दौरान चंडीगढ़ में आपकी उपस्थिति का क्या कारण माना जाए ?
उत्तर:- हम कल परसों ही वापस चले जाएंगे। फिलहाल चंडीगढ़ में रुके हुए हैं। हिमाचल की गतिविधियों से आप सभी भी भली भांति वाकिफ हैं। हमारे यहां आने का आप कारण जानते हैं। आज हिमाचल में सेफ्टी और सिक्योरिटी एक बड़ा मसला बना हुआ है। राज्यसभा चुनाव के बाद से ऐसे माहौल बन गए हैं कि बागी कांग्रेसी विधायकों और निर्दलीयों के प्रति गलत कार्रवाई की जा रही है। कहीं रेड करवाई जा रही हैं, कहीं नारेबाजी हो रही हैं, इस प्रकार की गतिविधियां बिल्कुल गलत है और निंदनीय हैं। निर्दलीय विधायक अपने दम पर चुनाव जीतते हैं और उनकी अपनी अलग विचारधारा होती है। उन्हें जो ठीक लगता है, वही वह करते हैं। क्योंकि वह किसी भी पार्टी से बंधे नहीं होते। अपने बलबूते वह जीतते हैं। इसलिए उन्हें कोई अपने साथ रहने व चलने के लिए फोर्स नहीं कर सकता। कोई नहीं कह सकता कि किसके साथ चलें। लेकिन जब हमने वहां देखा कि जरा अनसिक्योर सा माहौल बना हुआ है, वहां लोगों के घरों में रेड की जा रही हैं, चालान हो रहे हैं, एफआईआर दर्ज हो रही हैं, इसलिए हमने थोड़े दिन हिमाचल से बाहर बिताने की सोच बनाई। इसलिए हम लोग यहां आए हैं।
प्रशन:- प्रतिशोध की कार्यवाही हो, यह तो काफी ज्वलंत प्रश्न बनता है ?
उत्तर:- जी हां, यह बिल्कुल गलत है। दो दिन पहले भी हमने सरकार को यह मैसेज दिया था इस चीज का असर लॉन्ग टर्म में बहुत गलत होगा, इसलिए आप इसे बिल्कुल बंद कीजिए। इस प्रकार से किसी के बिजनेस पर अटैक करना, बिजनेस बंद करवा देना, बिल्कुल भी ठीक नहीं है। हमारे निर्दलीय विधायक के एल ठाकुर जो हमारे साथी हैं, उनके भाई व बेटे पर एफआईआर दर्ज कर दी गई। इस प्रकार की सोच बिल्कुल गलत है। मैं अपने साथी की सपोर्ट के चलते यहां पर हूं। प्रदेश में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। जब तक लाइफ नॉर्मल ना हो जाए, तब तक हमें केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ की सिक्योरिटी दी है। ए प्लस की सिक्योरिटी दी गई है ताकि कोई दुर्घटना ना घटे।
प्रशन:- हिमाचल विधानसभा का गणित समझाएं ?
उत्तर:- कांग्रेस के पास आज विधायकों की संख्या 34 है। क्योंकि विधानसभा स्पीकर ने छह विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था। बहुमत के लिए कांग्रेस को 35 विधायकों की जरूरत है। भारतीय जनता पार्टी के पास 25 और निर्दलीय तीन विधायक हैं। 68 सदस्यों का हाउस है जो कि 68 का हाउस अब घटकर 62 का रह गया है।
प्रशन:- क्या भाजपा की तरफ से आपको कोई ऑफर या बुलावा आया है ?
उत्तर:- ऐसा कुछ नहीं है। हम तीनों निर्दलीय विधायक इकट्ठे हैं और तीनों का फैसला फाइनल फैसला होगा। जो भी करेंगे इकट्ठा करेंगे। जिस प्रकार से भाजपा का अपना दल है, कांग्रेस का अपना है, इसी तरह निर्दलीयों का भी अपना दल है। हम यूनिटी में है और एक साथ फैसला लेंगे।