विदेशी कोर्ट का आदेश हो सकता है चैलेंज: हाईकोर्ट

3/22/2017 8:37:06 AM

चंडीगढ़:पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि विदेशी कोर्ट का आदेश भारतीय न्यायालय में चैलेंज हो सकता है। वकील सुखविंद्र नारा ने याचिकाकर्ता की ओर से बताया कि याचिकाकर्ता सुभाष कुमार करनाल का रहने वाला है और भारतीय नागरिक है। उसकी शादी वर्ष 2013 में स्वीटी बिंदल नामक भारतीय लड़की से हुई थी। शादी के बाद लड़की अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए ऑस्ट्रेलिया चली गई और वह भारत में ही रह गया। लेकिन 2016 में लड़की ने मैलबार्न, आस्ट्रेलिया की फैडरल सर्किट कोर्ट में तलाक की याचिका दायर कर दी, जिसे मंज़ूर करते हुए वहां की कोर्ट ने तलाक का आदेश पास कर दिया। जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने वहां की कोर्ट में कोई अपील नहीं की।

कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करते हुए सुखविंद्र नारा ने दलील पेश की कि विदेशी न्यायालय का फैसला अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियम, हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13, सी.पी.सी. की धारा 13 व 1965 की हैग कन्वैन्शन के अनुकूल नहीं है और ऐसे आदेश की कोई वैधता नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि विदेशी न्यायालय का आदेश भी भारतीय सिविल कोर्ट में दावा दायर करके चैलेंज किया जा सकता है। अक्सर पंजाब में यह  देखने में आया है कि बाहर से लोग आकर पंजाब की लड़कियों से शादी करके कुछ समय उनके साथ बिताकर लौट जाते हैं व वहां जाकर विदेशी कोर्ट से तलाक ले लेते हैं। क्योंकि वहां से तलाक आसानी से मिल जाता है। ऐसी स्थिति में भारतीय लड़कियां अपील तक विदेशी कोर्ट में दायर नहीं कर पाती और अपने अधिकारों से वंचित रहकर अपने आपको ठगा महसूस करती हैं।