GST को लेकर सरकार ने लिए बड़े फैसलें, जानिए व्यापारियों को क्या हुअा लाभ

1/18/2017 8:59:02 PM

चंडीगढ़ (उमंग श्योराण):हरियाणा के वित्त, आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा है कि देश में ‘एक राष्ट्र एक कर’ प्रणाली लागू होने से राज्यों व केंद्र के बीच कर व्यवस्था के सरलीकरण की दिशा में जीएसटी एक क्रांतिकारी पहल है। यह जानकारी कैप्टन अभिमन्यु ने बुधवार को चंडीगढ़ में एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए दी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को पहली जुलाई, 2017 से लागू करने की अधिकांश राज्यों ने सहमति प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 की प्रथम त्रिमाही में मूल्य संर्वधन करों की प्राप्तियां का राज्य अपने-अपने बजट में समायोजित करेंगे और दूसरी त्रिमाही अर्थात 1 जुलाई, 2017 से सभी राज्य अपनी-अपनी विधानसभाओं से बिल पारित करवाएंगे। भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार 16 सितम्बर के बाद नए करों के लिए संशोधन लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जीएसटी के प्रावधानों के तहत 20 लाख रुपये तक का वार्षिक कारोबर करने वाले व्यापारियों को बाहर रखा गया है, जबकि 20 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये  तक के कारोबरियों का मूल्याकंन करने के लिए 90 प्रतिशत राज्यों के अधिकारी तथा 10 प्रतिशत केन्द्र सरकारी अधिकृत होंगे और एक अधिकारी तीन वर्ष की अवधि तक फर्म का मूल्यांकन कर सकेगा। उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ रुपये से ऊपर की वार्षिक कारोबार करने वाले फर्मों के लिए राज्य व केन्द्र सरकार के अधिकारी 50-50 के अनुपात में मूल्यांकन करेंगे। ऑनलाइन प्रणाली लागू होने से पारदर्शिता भी बनी रहेगी। 

जीएसटी में पांच प्रतिशत,12,18 व 27 प्रतिशत के चार सलैब रखे गए हैं। अवगुण एवं विलासिता वाली वस्तुओं पर अतिरिक्त 45 से 55 प्रतिशत अतिरिक्त उपकर लगेगा तथा इससे पांच वर्षों तक केन्द्र राज्यों को जीएसटी की एवज में होने वाले राजस्व नुकसान की प्रतिपूर्ति करेगा और राज्य हर वर्ष 14 प्रतिशत की वृद्धि कर सकते है। उन्होंने बताया कि केवल वस्तुओं के उत्पत्ति के स्थान के मामले में अपील करने का अधिकार केन्द्र सरकार के पास होगा।

एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा कि 86 प्रतिशत से अधिक डीलर 1.5 करोड़ रुपये के कारोबारी है जबकि 14 प्रतिशत डेढ़ करोड़ रुपये से ऊपर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री अरूण जेटली के नेतृत्व में देश में आर्थिक सुधारों का एक क्रांतिकारी अभियान शुरू किया है। वहीं 500 व 1000 रुपए की पुरानी करेंसी के बंद होने से कालेधन, भ्रष्टाचार व नकली मुद्रा के परिचालन पर रोक लगी है। जिससे भारत न केवल आर्थिक बल्कि सामरिक दृष्टि से भी मजबूत होगा।