इन टीचर्स को सलाम, अपने जज्बे से बदल दी सरकारी स्कूल की तकदीर

9/6/2018 12:48:45 PM

सोनीपत(पवन राठी): देश में सरकारी स्कूलों के हालात बहुत अच्छे नहीं है। जहां सरकारी स्कूलों में टीचर्स की कमी है वहीं स्कूलों की इमारतें भी जर्जर हालत में मिलती है। लेकिन सोनीपत के बसौदी गांव के लोगों अपने प्राइमरी स्कूल को बचाने के लिए खुद के पैसों से स्कूल की इमारत बनवाई और सरकारी स्कूल में टीचर्स की कमी को पूरा करने के लिए 9 प्राइवेट टीचर भी स्कूल में लगा दिये। बसौदी गांव के लोगों की यह मेहनत अब रंग ले आई है।  

कुछ साल पहले सोनीपत के बसौदी गांव के प्राइमरी स्कूल की हालत बेहद खस्ता थी यहां केवल 28 छात्र ही पढने आते थे और यहां के हैडमास्टर ने स्कूल बंद करने की बात कही। उस समय इस गांव के लोगों ने स्कूल को बचाने के लिए एक समिति का गठन किया और खुद के पैसों से स्कूल में चार नये कमरें बनवाये और सरकारी स्कूल में छात्रों को पढाने के लिए 9 प्राइवेट टीचर्स की रख लिये। अब इस स्कूल में छात्रों की संख्या 300 का आकडा पार कर चुकी है।

स्कूल ने बच्चों को स्कूल में लाने और ले जाने के लिए दो बस भी खरीद रखी है। वहीं स्कूल में लगे प्राइवेट टीचर्स और ड्राइवरों की सैलरी के लिए गांव के छात्रों से साल में महज 2500 व बाहर गांव से आने वाले छात्र-छात्राओं से 5000 रूपए सालाना फीस ली जाती है जो प्राइवेट स्कूलों की फीस के मुकाबले बेहद कम है। इन्ही पैसों से स्कूल का रख रखाव का काम भी किया जाता है। अब इस प्राइमरी स्कूल को मीडिल स्कूल बनाने की मांग उठने लगी है। लेकिन यह काम सरकार की मंजूरी के बिना संभव नहीं है। वहीं स्कूल में पढने वाले बच्चे अपने स्कूल की व्यवस्थाओं को लेकर काफी खुश हैं, उनका कहना है कि उन्हे अंग्रेजी माध्यम से अध्यापक पढाते है। वे इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर काफी खुश हैं।

 
 

Rakhi Yadav