अलग-अलग राहों पर चलेंगे रथ और साइकिल !
7/18/2018 1:41:40 PM
हिसार(संजय अरोड़ा): हरियाणा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में चल रही गुटबाजी समाप्त करवाने व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर को एक मंच पर लाने के लिए कई दिनों से चल रहे प्रयास असफल होने के बाद अब हुड्डा व तंवर के रास्ते पहले की ही तरह अलग-अलग होंगे और दोनों नेताओं द्वारा जारी रथ व साइकिल यात्राएं भी समानान्तर जारी रहेंगी ।
गौरतलब है कि हरियाणा में हुड्डा व तंवर के बीच मनमुटाव का दौर तो 2014 में उस समय ही शुरू हो गया था जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। चुनाव दौरान यह मनमुटाव और बढ़ गया मगर अक्तूबर 2016 में दोनों नेताओं और उनके समर्थकों के बीच यह मतभेद उस समय टकराव का रूप धारण कर गए जब नई दिल्ली में राहुल गांधी के एक कार्यक्रम दौरान दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई , जिसमे तंवर घायल भी हो गए थे। इस घटनाक्रम के बाद तो दोनों कांग्रेस दिग्गजों के समर्थकों की लड़ाई सड़कों पर आ गई , जो लगातार जारी है।
सुलह के प्रयास रहे निरर्थक
सूत्रों के अनुसार अगले साल होने वाले चुनाव के मद्देनजर हुड्डा और तंवर के बीच सुलह करवाने के लिए प्रदेश के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर के कुछ कांग्रेस नेताओं ने प्रयास शुरू किए और दोनों को एक मंच पर लाने हेतु पिछले लगभग एक माह से कई दौर की बैठकें भी हुईं और दिनों के मनमुटाव दूर होने की उम्मीद भी जगी मगर कुछ विषयों पर यह समझौता वार्ता सिरे नहीं चढ़ पाई और मध्यस्थता कर रहे नेताओं तमाम कोशिश नाकाम हो गई । अब एक बार फिर हुड्डा व तंवर की यात्राएं पहले की तरह अलग अलग सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी ।
एक दूसरे के हलकों में देंगे चुनौती
समझौता प्रयास विफल होने के बाद हुड्डा व तंवर अब एक दूसरे के क्षेत्रों में चुनौती देने मैदान में उतरने जा रहे हैं। हुड्डा रथ यात्रा के अपने चौथे चरण के तहत अशोक तंवर के संसदीय क्षेत्र सिरसा के तहत आने वाले टोहाना में 22 जुलाई को प्रवेश करेंगे और 24 जुलाई तक इसी संसदीय क्षेत्र में लोगों से रू-ब-रू होंगे, जबकि तंवर तीसरे चरण की अपनी साइकिल यात्रा दौरान हुड्डा के निर्वाचन क्षेत्र किलोई में 19 जुलाई को ललकारेंगे। वे 22 जुलाई तक इसी इलाके में साइकिल चलाएंगे। अब देखना होगा कि इन दोनों नेताओं के साथ साथ अन्य कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग सुर आने वाले समय में क्या नया गुल खिलाते हैं कौन कांग्रेस को कितना मजबूत बनाने में कामयाब होता है ।