छत्रपति हत्याकांड: फैसले को लेकर सरकार-प्रशासन अलर्ट

1/5/2019 10:33:39 AM

सिरसा(सेतिया): सिरसा के शहीद पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में 11 जनवरी को सी.बी.आई. की विशेष अदालत ने निर्णय देना है। इस केस में धारा 302 और 120-बी. के अंतर्गत डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम आरोपी हैं। इससे पहले 25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला व सिरसा में डेरा उपद्रवियों के हिंसक तांडव के चलते 38 जानें चली गई, 250 लोग घायल हो गए व 300 से अधिक वाहन आग के हवाले कर दिए गए थे। ऐसे में 11 जनवरी को एक बार फिर पंचकूला एवं सिरसा जैसे हालात न हों, के लिए सरकार व प्रशासन पूरी तरह चाक-चौबंद हो गया है। हालांकि सिरसा जहां पर डेरा स'चा सौदा का मुख्यालय है, में अभी पहले के दिनों की तरह से पुलिस जवानों की सामान्य ड्यूटी लगी हुई है।

डेरा परिसर में पुलिस के 3 नाके हैं। पहला नाका डेरा के प्रवेश द्वार से कुछ मीटर पहले पैट्रोल पम्प के पास लगाया गया है। इसके बाद भादरा-सिरसा मार्ग पर नेजिया नहर पुल के पास एक नाका लगाया गया है। डेरा में किस तरह का माहौल है और नाकों पर किस तरह की स्थिति है? जानने के लिए पंजाब केसरी संवाददाता ने आज डेरा सच्चा सौदा में दस्तक दी। नेजिया नहर पुल चौकी पर ए.एस.आई. अजीत सिंह की अगुवाई में 2 अन्य पुलिस जवान रणबीर सिंह व सुभाष चंद्र मुस्तैद नजर आए। इसके अलावा नेजिया कच्चा रास्ता पर एक पुलिस नाका है।

इंटैलीजैंस की इनपुट
चूंकि डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद सिरसा के डेरा में ही मुख्य धार्मिक आयोजन होते हैं। यहां रोजाना सुबह-शाम होने वाली मजलिस में हजारों अनुयायी जुटते हैं, तो मासिक सत्संग में काफी संख्या में अनुयायी आते हैं। इंटैलीजैंस की इनपुट है कि 11 जनवरी से पहले भी यहां पर डेरा अनुयायी जुट सकते हैं और मीटिंग कर सकते हैं। आई.बी. एवं खुफिया एजैंसियों के अलर्ट के बाद इस बार राज्य का गृह विभाग पूरी तरह से सतर्क है और सरकार भी इस मामले में संजीदा है। ऐसे में 11 जनवरी को निर्णय वाले दिन से 3 दिन पहले ही सिरसा में अतिरिक्त पुलिस बल बल्कि सेना की तैनाती भी की जा सकती है।

अनुयायियों के लिए जनवरी का महीना बेहद पाक
महत्वपूर्ण बात यह है कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के  लिए जनवरी का महीना बेहद पाक माना जाता है। 25 जनवरी को डेरा के दूसरे गद्दीनशीन शाह सतनाम का जन्मदिन है। हर साल पूरे जनवरी माह में उत्सव मनाया जाता है और 23, 24 व 25 जनवरी को विशेष भंडारा लगता है। इस बार भी 25 जनवरी के दिन को खास बनाने के लिए डेरा प्रबंधन की ओर से खासे इंतजाम किए गए हैं।

हालांकि 11 जनवरी को सी.बी.आई. कोर्ट की ओर से निर्णय सुरक्षित रखे जाने की खबर आने के बाद अब यहां पर भंडारे के आयोजन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आज जब हमने डेरा में दस्तक दी तो डेरा के सत्संग स्थल की ओर जाने वाले मुख्यद्वार पर सेवादार नजर आए। डेरा में करीब 24 दुकानें खुली नजर दिखी। इसके कुछ आगे ही बने डेरा के सुपरस्पैशलिटी अस्पताल में जरूर खासी भीड़ नजर आई।

Deepak Paul