कैंटीन में बेची जा रही थी आम लोगों को सस्ती शराब, सेल्समैन पर कार्रवाई

8/8/2019 3:18:47 PM

कैथल (सुखविंद्र सैनी): एक्साइज विभाग के अधिकारियों द्वारा कैथल की आर्मी कैंटीन में आम लोगों को सस्ती शराब बेचते हुए कैंटीन के सेल्समैन को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बता दें कि नियमानुसार आर्मी कैंटीन से केवल आर्मी, एक्स आर्मी सर्विसमैन एवं उनके परिवार के सदस्य ही कार्ड पर शराब ले सकता है और कैंटीन में शराब ठेके से काफी सस्ते दामों पर मिलती है। क्योंकि कैंटीन में मिलने वाली शराब एक्साइज ड्यूटी फ्री होती है।



लेकिन कैथल शहर के अधिकृत ठेकेदार को सूचना मिली थी कि आर्मी कैंटीन में बिना कार्ड के ही आम लोगों को शराब बेची जा रही है। जिस पर इस वीरवार को ठेकेदार एवं एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने एक व्यक्ति को कैंटीन में शराब लेने के लिए भेजा। एक्त व्यक्ति ने सेल्समैन से कहा कि उसे ओल्ड स्मैगलर ब्रान्ड की 4 बोतलें चाहिए। सेल्समैन ने 4 हजार रुपए लेकर उस व्यक्ति 4 बोतलें दे दी। जबकि उस व्यक्ति पर कोई भी आर्मीमैन का कार्ड भी नहीं था।



इशारा मिलते ही एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने शराब की बोतलें अपने कब्जे में ले ली और सेल्समैन की जेब से 500-500 रुपए के 8 नोट बरामद कर लिए। सेल्समैन से जब कोई बिल या कार्ड के बारे में पूछा गया तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद एक्साइज विभाग के डी.ई.टी.सी. एवं इंस्पैक्टर ने शराब की बोतलों को जब्त करके उसका चालान किया गया है और आगामी कार्रवाई जारी है।



कैंटीन में ओल्ड स्मैगलर की बोतल 800 रुपए में मिलती है और शहर के ठेकों पर 1500 रुपए में। लेकिन कैंटीन का सेल्समैन ने यह बोतलें 1000 रुपए के हिसाब से बेच रहा था। इस प्रकार सेल्समैन को 4 बोतल बेचने पर 800 रुपए की बचत हो रही थी। गौरतलब है कि इससे पहले भी आर्मी कैंटीन से इस प्रकार अवैध रूप से बाहर शराब बेजे जाने के मामले सामने आए थे। जिस पर सेल्समैन एवं मैनेजर पर उच्चाधिकारियों ने कार्रवाई की थी।



उधर ठेकेदार धर्मपाल ने कहा कि उन्होंने कैथल शहर में करीब 65 करोड़ रुपए सरकार को एक्साइज ड्यूटी देकर ठेके लिए हुए हैं, लेकिन उनकी सेल कम हो रही है। कारण यही है कि शहर में आर्मी कैंटीन की सेल बढ़ रही है। कैंटीन केवल आर्मी मैन एवं एक्ससर्विस मैन की सुविधा के लिए है, लेकिन यहां आम आदमियों को बिना कार्ड के ही कुछ रुपयों के लालच में शराब बेची जा रही है और उनका प्रतिदिन लाखों रुपए का नुक्सान हो रहा है।

Edited By

Naveen Dalal