राम रहीम को पैरोल मिलने पर रामचंद्र छत्रपति के बेटे का बयान, बोले- सरकार की मिलीभगत के साथ...

5/21/2021 5:40:33 PM

सिरसा(सतनाम): साध्वी यौन शोषण व् पत्रकार रामचंद्र छत्रपति  हत्या मामले में  रोहतक की  सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को जेल प्रशासन की तरफ से 2  दिन यानी 48 घंटे की कस्टोडियस बेल दिए जाने के इस फैसले का  विरोध होना भी शुरू हो गया है |

दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल  छत्रपति ने इसे सरकार  द्वारा एक हार्डकोर क्रिमिनल और  सरकार की मिलीभगत  करार देते हुए  आने वाले समय पैरोल के लिए ग्राउंड तैयार करने की प्लानिंग   बताया  है | अंशुल ने कहा कि इससे पहले पिछले साल 24 अक्टूबर 2020 , को डेरा प्रमुख को अपनी माँ से मिलने के लिए 24 घंटे की कस्टोडियस पैरोल दी गई थी |  अंशुल ने कहा कि  कोविड का समय इसलिए चुना  गया है ताकि कोर्ट में जा कर इसका कोई विरोध न कर सके लेकिन वे  निश्चित तोर पर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे | 

अंशुल छत्रपति ने कहा कि ये सारा खेल सरकार की मिलीभगत के साथ ही खेला जा रहा है इससे पहले एक दिन डेरा प्रमुख बीमारी की बीमारी का  नाटक कर उसे PGI रोहतक लाया जाता है और जब डॉक्टर उसके फेवर में रिपोर्ट नहीं देते उसके बाद डेरा प्रमुख द्वारा माँ की बीमारी का बहाना बना कर पैरोल की अर्जी लगाई जाती है | उसके बाद जो माँ सिरसा में थी उसे गुरुग्राम के एक निजी हॉस्पिटल लाया जाता  है फिर 48 घंटे की कस्टोडियस बेल दी जाती है अंशुल कहते है कि ये सब सरकार की मिलीभगत का नतीजा है ।

अंशुल ने कहा कि सरकार एक ऐसे कैदी को VVIP ट्रीटमेंट दे रही है जिसने  25 अगस्त 2017 को पुरे हरियाणा को जलाने  की कोशिश की अगर सरकार ऐसे लोगो के लिए  नरमी बरतें  तो ये सरकार का सही कदम नहीं है  वही अंशुल ने कहा कि जिस तरह से पहले 24 घंटे और अब 48 घंटे का डेरा प्रमुख को कस्टोडियस पैरोल दिया गया है ये सब बाबा को सिरसा लाने का ग्राउंड तैयार किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में पिछला ट्रैक रिकॉर्ड दिखा कर पैरोल ली जा सके  अंशुल ने कहा कि वे पहले भी इसका वविरोध  करते रहे है और आगे भी ये विरोध जारी रहेगा। 

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Content Writer

Isha