मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में शिकायतों का किया निदान, सचिव व सिविल इंजीनियर को निलम्बित करने के आदेश

4/20/2018 11:33:25 AM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): नगरपालिका नूंह में विकास कार्यों में अनियमितता बरतने वाले तत्कालीन पालिका सचिव, पालिका अभियंता तथा कनिष्ठ अभियंता को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तुरंत प्रभाव से निलम्बित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक-एक पाई के सदुपयोग की व्यवस्था की जा रही है, जो भी विकास कार्यों में कोताही करेगा, उस कर्मचारी, अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने वीरवार को अपने आवास पर जनता दरबार लगाया तथा प्रदेश भर से आए नागरिक, संगठनों की परेशानियों को सुनते हुए उनका निदान किया। 

नगरपालिका नूंह में विकास कार्यों में कोताही बरतने की क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा शिकायत की गई। नूंह से आए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वार्ड 3 में एक काम के एवज में 2 लाख 26 हजार रुपए के चैक काट दिए गए जबकि मौके पर एक ईंट नहीं लगी हुई थी। ऐसे ही 4 लाख 90 हजार रुपए अवैध क्षेत्र में मिट्टी डालने के लिए ठेकेदार को जारी किए, इसमें 30 अप्रैल 2017 को हुई एस.डी.एम. जांच में भी कोताही बरतने की पुष्टि हुई थी। 

ऐसे में पालिका में अधिकारी मिलीभगत करते हुए सरकारी राजस्व का नुक्सान कर रहे हैं तथा सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने तुरंत शहरी स्थानीय निकाय निदेशक को तत्कालीन नगरपालिका सचिव राकेश कादयान, पालिका अभियंता लक्ष्मीचंद राघव और कनिष्ठ अभियंता राजेश दलाल को निलंबित करने के आदेश जारी किए।  इस दौरान भिवानी, पंचकूला, हिसार, जींद जिला से भी अलग-अलग विषय पर नागरिक एवं प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलने पहुंचे थे।

Deepak Paul