विधानसभा सत्र से निपटते ही मुख्यमंत्री उतरेंगे फील्ड में

11/3/2019 10:40:17 AM

चंडीगढ़ (बंसल): प्रदेश में भाजपा तथा जजपा गठबंधन की सरकार चाहे बन गई है और मनोहर लाल खट्टर ने दोबारा मुख्यमंत्री पद संभाल लिया लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा कार्यकत्र्ताओं में निराशा का माहौल देखने को मिल रहा है जिसकी झलक मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह दौरान भी दिखी थी। दोबारा सत्ता हासिल करने के बाद भी जब कार्यकत्र्ताओं के बीच निराशा की रिपोर्ट हाईकमान तक पहुंची तो उन्होंने मुख्यमंत्री को फील्ड में जाकर कार्यकत्र्ताओं को हौसला बढ़ाने के निर्देश दिए।

हाईकमान के निर्देशों के बाद अब मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र से निपटते ही फील्ड में उतर जाएंगे। वह पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के साथ सभी जिलों का दौरा करेंगे। दौरों के दौरान जहां वह कार्यकत्र्ताओं से हार के कारणों का फीडबैक लेंगे वहीं उनका हौंसला भी बढ़ाएंगे,ताकि संगठन को नई संजीवनी मिल सके। कार्यकत्र्ताओं में इस बात को लेकर निराशा है कि पार्टी के अधिकांश मंत्री चुनाव हार गए और अब जोड़-तोड़ के सहारे भाजपा को सरकार बनानी पड़ गई।

भाजपा कार्यकत्र्ताओं में संशय, कैसे बिठाएंगे जजपा के साथ तालमेल
उल्लेखनीय पहलू यह है कि जहां भाजपा कार्यकत्र्ताओं में निराशा है वहीं जजपा कार्यकत्र्ताओं में उत्साह है,क्योंकि उन्हें लगता है कि जैसे-तैसे उन्हें भी सत्ता में भागीदारी मिल गई। भाजपा कार्यकत्र्ताओं के बीच इस बात को लेकर भी संशय बना है कि जजपा के साथ वह कैसे तालमेल बिठाएंगे। 

विधानसभा चुनाव से पहले तथा चुनाव दौरान भी मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश के दौरे किए और उन दौरों दौरान आई भीड़ को देखकर मुख्यमंत्री सहित भाजपा को यह लगा कि उनका 75 पार का मिशन पूरा हो सकता है लेकिन लोगों ने उनकी सोच की हवा निकाल दी। बीते दिवस हारे हुए पूर्व मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को स्पष्ट कर दिया कि मिशन 75 का नारा भाजपा के लिए उलट साबित हुआ,क्योंकि कार्यकत्र्ताओं ने जीत की सोच मानकर मेहनत करने से गुरेज किया और परिणाम के तौर पर भाजपा 40 पर आकर अटक गई।

पूर्व मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को स्पष्ट कर दिया कि चुनाव परिणामों में जातिगत समीकरणों का रोल तो रहा ही कर्मचारियों की नाराजगी भी ग्राफ नीचे करने में बड़ा कारण रही। अब मुख्यमंत्री के विश्वस्तों के बीच इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि भविष्य में लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए किन-किन बातों में बदलाव करना होगा। उनकी योजनाएं अगर सही थीं तो फिर भी लोगों में नाराजगी क्यों बरकरार रही। क्या मुख्यमंत्री की पुरानी टीम को बनाए रखा जाए या फिर उसमें भी बदलाव किया जाए। कानून व्यवस्था भी चुनावों में बड़ा मुद्दा रही है,ऐसे में भविष्य में पुलिस कार्यप्रणाली में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 

Isha