मां की मौत के बाद सदमे में मासूम, ज्वाइंट टीम ने उठाया बच्चे का बीड़ा

9/15/2017 12:43:58 PM

अंबाला(कमलप्रीत सभ्रवाल): कैंट के राजिंद्रा पार्क में बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षक, चाइल्ड लाइन और महेश नगर पुलिस द्वारा पहुंचकर हैल्प लाइन के जरिए मिली सूचना के आधार पर एक ज्वाइंट ऑप्रेशन चलाया। जिसके तहत उन्होंने राजिंद्रा पार्क में रहने वाले एक 13 साल के बच्चे के घर पहुंचकर पहले उसके पिता को समझाया और पिता की मंजूरी के बाद टीम बच्चे को अपने साथ पहले मैडीकल के लिए कैंट के नागरिक अस्पताल लेकर पहुंची जिसके बाद बच्चे की काऊंसिलिंग के लिए अंबाला सिटी बाल कल्याण समिति कार्यालय ले जाया गया। 

बिना कपड़ों के घूमता रहता था बच्चा
राजिंद्रा पार्क क्षेत्र के एक मकान में एक 13 साल का बच्चा अपने बुजुर्ग पिता के साथ रहता है। जो न तो स्कूल जा रहा था और न ही घर में उसकी परवरिश ठीक से हो रही थी जिस कारण बच्चे का मानसिक विकास नहीं हो रहा था और न ही वह समाज में बैठने-उठने के व्यवहार को समझ पा रहा था। वह कॉलोनी में बिना कपड़ों के घूमता रहता था। इसी वजह से कॉलोनी की लड़कियां व महिलाएं घर से बाहर निकलने में परहेज करती थीं और इसी के चलते किसी ने चाइल्ड लाइन के हैल्प नम्बर 1098 पर कॉल की और इसकी पूरी सूचना मिलते ही टीम ने मौके पर पहुंचकर आगामी कार्रवाई की।

कुछ दिन पहले भी आई थी टीम पर नहीं मिला था बच्चे का पिता
बाल कल्याण समिति के मैम्बर गुरदेव सिंह ने बताया कि इस बच्चे को लेकर कुछ दिन पहले भी टीम राजिंद्रा पार्क क्षेत्र में आई थी और उस वक्त भी बच्चा बिना कपड़ों के ही घूमता हुआ पाया गया था लेकिन उस वक्त बच्चे का पिता उन्हें नहीं मिला था जिस वजह से बच्चे को टीम अपने साथ नहीं ले गई थी।

टीम कार्रवाई न करती तो बच्चा आ सकता था बीमारी की चपेट में
जिला बाल संरक्षक अधिकारी मेद्या सिंगला ने बताया कि जब राजिंद्रा पार्क बच्चे को साथ ले जाने के लिए उसके घर में पहुंचे तो घर के अंदर की साफ-सफाई का बुरा हाल था। खाने के बर्तनों में फंगस और खाना पड़ा हुआ सड़ रहा था। बच्चे को टीम ने कपड़े पहनाकर उसे अपने साथ ले जाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि अगर बच्चा इसी माहौल में थोड़ा और वक्त बिताता तो वह किसी गंभीर बीमारी का भी शिकार हो सकता था।

मां की मौत के बाद मासूम ने कोया मानसिक संतुलन
राजिंद्र पार्क क्षेत्र में पिछले करीब 20 सालों से रह रहे नसीब सिंह पत्नी की करीब 2 से 3 साल पहले मौत हो गई थी। उसके पास अकेला बेटा ही रह गया था लेकिन मां की मौत के बाद से बेटा भी अंदर-अंदर ही रहने लगा और वह बिना कपड़े पहने ही घूमने लगा। घर में कोई रख-रखाव नहीं था और इसी का प्रभाव बच्चे पर भी पड़ रहा था। इसी के चलते बच्चे को टीम ने अपने साथ ले जाने का फैसला कर लिया और पिता की इजाजत लेकर टीम उसे साथ ले गई।