विदेशों की यूनिवर्सिटीज में फंसे 60 बच्चो के 3 करोड़ 60 लाख में से 60 लाख वापिस मिले

8/1/2021 2:41:57 PM

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने के जवान युवक किस प्रकार अपने मां बाप द्वारा उधार उठाए गए पैसे से फीस भरते हैं तथा वह पैसा विदेशों की यूनिवर्सिटीज में फस जाता है। इस घटनाक्रम का अंदाजा हरियाणा के लाडवा, कुरुक्षेत्र, करनाल, शाहबाद मारकंडा ,कैथल, पेहवा ,अंबाला ,यमुनानगर इत्यादि क्षेत्रों  के 60 बच्चों के लगभग 3 करोड़ 60 लाख रुपए यूके कि यूनिवर्सिटीज में फस जाने से पता लगता है। 

लंदन में सॉलिसिटर तथा हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट युवा वकील एडवोकेट सुखविंदर नारा ने जानकारी देते हुए बताया की यूके की विभिन्न यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने वाले 60 के करीब बच्चों के लगभग 3 करोड़ 60 लाख रुपए इसलिए फस गए,क्योंकि कोविड-19 के चलते उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस अटेंड की ऑनलाइन क्लासिस अटेंड करने के मामले में ग्रामीण अंचल के अंदर रहने वाले इन बच्चों को बिजली संकट व किसान आंदोलन के चलते इंटरनेट सेवाएं बंद करने के कारण इंटरनेट बाधित रही। यह बच्चे ऑनलाइन क्लासेस जितनी अटेंड करनी थी नहीं कर पाए। जिस कारण से यूके की विभिन्न यूनिवर्सिटीज ने इन्हें एजुकेशन वीजा भेजने से मना कर दिया।

नारा के अनुसार जब बच्चों ने इन यूनिवर्सिटी से अपने पैसे वापस मांगे तो यूनिवर्सिटी द्वारा इनके द्वारा एडमिशन लेते वक्त किए गए एग्रीमेंट को आधार बनाकर इनको पैसे वापस देने से इनकार कर दिया। इन बच्चों के द्वारा तब सुखविंदर नाराज है संपर्क किया गया। यूके में किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई के लिए यूके के सॉलिसिटर की अधिकृत है। सुखविंदर नारा जोकि लंदन से सॉलिसिटर हैं।उन्हें वहां की कोर्ट से काम करने की अनुमति मिली हुई है। सुखविंदर नारायण ने बताया कि उन्होंने फ्री एक्शन प्रोटोकॉल जैसे भारत में कानूनी नोटिस का जाता है वह भेजा। नारा के अनुसार यूनिवर्सिटीज में इन बच्चों को इनकी राशि लौटाने के लिए मेल कर दी हैं। अभी तक लगभग 60 लाख रुपए विभिन्न यूनिवर्सिटीज के माध्यम से ऐसे बच्चों को जिन्होंने एडमिशन ली थी। वह जिन्हें एजुकेशन वीजा यूके से रद्द कर दिया गया था को लौटा दिए गए हैं। नारा के अनुसार यूके की विभिन्न यूनिवर्सिटी द्वारा अन्य बच्चों को भी जल्दी पैसा लौटाने संबंधी मेल मिल चुकी है। नवरा के अनुसार इन बच्चों को भी इन की राशि जल्दी मिल जाएगी।

सुखविंदर नारा के अनुसार विदेशों में जाकर शिक्षा लेने के चावल नौजवानों को ध्यान रखना चाहिए कि जब वह वहां की किसी भी यूनिवर्सिटी से एग्रीमेंट साइन करें तो उसकी सभी क्लासेस अवश्य ध्यान से पढ़ ले। नारा ने बताया की बच्चों को विदेश भेजने के लिए उनके मां-बाप द्वारा उधार या रिश्तेदारों से पैसा उधार उठाते हैं। अगर बच्चे एजुकेशन ना ले सके वह पैसा भी वहां की यूनिवर्सिटी जब्त कर ले तो मां बाप वह बच्चों की स्थिति दयनीय बन जाती है।

 सुखविंदर नारा के अनुसार विदेशों में मैं शिक्षा लेने के इस ताजा मामले में सैकड़ों बच्चे पंजाब व हरियाणा के ऐसे हैं जिनके पैसे वहां अभी भी फंसे हुए हैं। बच्चों को वहां पैसे जमा करवाने से पहले प्रीति से सभी कानूनी जानकारियां वहां की यूनिवर्सिटी द्वारा भेजे गए एग्रीमेंट को देखते हुए किसी वकील से अध्ययन करवा लेनी चाहिए।  नारा ने बताया की कॉविड के चलते अधिकांश बच्चे ऑनलाइन एजुकेशन पर निर्भर थे जिस कारण से यूनिवर्सिटीज को जितनी भी अटेंडेंस चाहिए वह उपलब्ध नहीं हो पाई भारत के अंदर विशेषकर हरियाणा पंजाब में किसान आंदोलन के चलते जहां इंटरनेट सेवाएं बाधित रही वहीं बिजली कट की वजह से इंटरनेट कनेक्शन भी बाधित रहे।

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Content Writer

Isha