प्रदेश भाजपा को नया लुक देने पर मंथन शुरू

11/29/2019 12:56:33 PM

अम्बाला (रीटा/ सुमन): विधानसभा चुनावों में 50 सीटों पर हुई हार व करीब आधा दर्जन पर जीत का अंतर काफी कम होने को लेकर प्रदेश भाजपा में कई स्तर पर मंथन जारी है। 2014 में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री के विकास कार्यों, नौकरियों में पारदॢशता व सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार रोकने के उठाए कदमों का जमीन पर असर क्यों नजर नहीं आया इसे लेकर भाजपा संगठन ही नहीं बल्कि संघ खेमे में भी ङ्क्षचता है। आखिरकार सरकार व संगठन में किस स्तर पर चूक हुई उस पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया जा रहा है।

सरकार के 8 वरिष्ठ मंत्रियों की हार पार्टी के लिए सबसे ज्यादा ङ्क्षचता का मुद्दा है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रुतबे को पहले की तरह कायम रखेगा लेकिन हरियाणा भाजपा के संगठन में बड़ा रद्दोबदल करने की सोचने लगा है।

सत्ता में आने के बाद भी संतुष्ट नहीं भाजपा!
बहुमत न मिलने पर भले ही जजपा के साथ मिलकर भाजपा पुन: सत्ता में लौट आई है लेकिन कहा जा रहा है कि वह इससे संतुष्ट नहीं है और अभी से अगले चुनावों के लिए संगठन को नए सिरे से मजबूत करने में जुट गई है। हार की समीक्षा करने के लिए भी हाल में मुख्यमंत्री ने दिल्ली स्थित अम्बाला से सांसद व राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया के निवास पर पार्टी के लोकसभा व राज्यसभा सांसदों से लंबी बैठक की तथा कई मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिल जैन व संगठन महासचिव सुरेश भट्ट के अलावा पूर्व सांसद बीरेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।

पन्ना प्रमुखों की फौज भी क्यों नहीं डलवा पाई परम्परागत वोट
सूत्रों के मुताबिक हार की समीक्षा को लेकर दिल्ली में हुई बैठक में जिला स्तर पर की गई बैठकों की रिपोर्ट पर व गुरुग्राम में पार्टी की कोर कमेटी की मैराथन बैठकों के निष्कर्ष पर भी मंथन हुआ। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि भाजपा के पास पन्ना प्रमुखों की एक बड़ी फौज होने के बावजूद पार्टी के परम्परागत वोट पूरी तरह क्यों नहीं डलवा पाई। पता चला है कि बैठक में पार्टी के विभिन्न युवा, महिला, छात्र, अल्पसंख्यक व अन्य प्रकोष्ठों की कार्यशैली पर भी बातचीत हुई उन्हें मजबूत करने की रणनीति पर विचार किया गया।

...तो जजपा से भी भाजपा को मिल सकती है बड़ी चुनौती 
सत्ता से जुडऩे के बाद भाजपा के गठबंधन की साथी जजपा ने भी गांवों के अलावा शहरी इलाकों में अपने संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया है। हमेशा सत्ता के साथ चलने वाले कुछ नए लोग भी उसके साथ जुडऩे लगे हैं। चौटाला के उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके आम कार्यकत्र्ताओं में नई ऊर्जा व जोश नजर आने लगा है। एक भाजपा नेता का कहना है कि यदि अगले चुनावों में दोनों दलों में तालमेल न हो पाया तो कांग्रेस के साथ-साथ जजपा से भी भाजपा को बड़ी चुनौती मिल सकती है। इसके लिए भाजपा को अभी से अपने संगठन को नई धार देनी होगी व कार्यकत्र्ताओं का मान-सम्मान भी बढ़ाना होगा।

Isha