सी.आई.डी. की आड़ में गृह मंत्री व मुख्यमंत्री कर रहे हैं शक्ति प्रदर्शन : अभय चौटाला

1/15/2020 9:42:54 AM

चड़ीगढ़ : इनैलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि हरियाणा में सी.आई.डी. की आड़ में गृह मंत्री व मुख्यमंत्री में शक्ति प्रदर्शन चल रहा है कि कौन ज्यादा ताकतवर है। उन्होंने कहा कि सरकार में कितना क्या ठीक चल रहा है यह गृह मंत्री व सी.एम. में एक विभाग को लेकर हो रही खींचतान से पता चलता है।अभय ने कहा कि इस सरकार में मन्त्रियों व मुख्यमंत्री में जहां विवाद चल रहा है वहीं छापे मारने की भी होड़ लगी हुई है। अगर सी.एम. व मंत्री छापे मारें तो इसका साफ मतलब है कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते।

‘नशे पर मेरी बात की पुष्टि अपराध ब्यूरो के आंकड़ों में भी हुई’ 
उन्होंने कहा कि इस सरकार में धान घोटाला हुआ है। किसान का 250 से 300 रुपया नमी के नाम पर जो काटा गया वह कैसे काटा गया इसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सी.एम. ने विधानसभा में हुड्डा व उनकी कमेटी बनाई थी लेकिन इस कमेटी को कोई अधिकार नहीं दिए गए जबकि उन्होंने सी.एम. को खुद मंडियों में जाकर रिपोर्ट दी थी, लेकिन उसका जवाब आज तक नहीं आया। किसानों को गन्ने के भाव नहीं मिल पा रहे हैं जिस वजह से यहां के किसान मजबूरी में यू.पी. जाकर गन्ना बेचते हैं और वहां लाखों की पेमैंट किसानों की रुकी पड़ी है। इसकी जांच सी.बी. आई.से होनी चाहिए। 
इस मामले में काफी बड़ा घोटाला हुआ है। इसमें शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी होने चाहिए। अभय ने कहा कि उन्होंने जो 2 वर्ष विधानसभा में नशे पर बात की उसकी पुष्टि अपराध ब्यूरो के आंकड़ों में भी हुई है। अभय ने सगौत्र विवाह पर मुख्यमंत्री के बयानों का स्वागत किया व कहा कि इसको विधानसभा में बिल लाकर पास करवाएं। सी.एम.इसमें खाप पंचायतों को खुश करने की बजाय इसे व्यवहारिकता में लाएं।

‘जहां मर्जी बिठाएं, विधानसभा से बाहर तो भेज नहीं सकते’
अभय ने विधानसभा में अपनी सीट पीछे करने पर कहा कि वह जहां मर्जी बिठाएं, विधानसभा से बाहर तो भेज नहीं सकते। उनकी पार्टी मान्यता प्राप्त है। उन्हें जहां मर्जी बिठाएं हम जनता की आवाज उठाना नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर किसी दल का नहीं बल्कि सांझा होता है वह विधायकों का संरक्षक होता है लेकिन जबकि जब वह बोलते हैं तो उनके माइक बन्द किए जाते हैं। अभय ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष से वह मिलेंगे व कहेंगे कि हरियाणा वालों को सिखाएं कि सदन संक्षिप्त नहीं हो, जब कोई बिल आए तो लम्बी बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन की नही ठगबंधन की सरकार है। गठबंधन की सरकार होती तो चुनावों से पहले गठबंधन होता। यह तो स्वार्थ की राजनीति है।    
 

Isha