सिविल अस्पताल में बिगड़ी सफाई व्यवस्था, सफाई न होने से मरीज परेशान

10/15/2019 1:01:07 PM

जींद (राठी) : सिविल अस्पताल में इन दिनों सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। वार्ड से लेकर डम्पिंग केंद्र की जगह तक कूड़ा फैला हुआ है। डमिं्पग के आसपास केवल पॉलीथिन ही पॉलीथिन ही दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सिविल अस्पताल प्रबंधन मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। ऐसे हालात में सिविल अस्पताल में मरीजों के स्वास्थ्य में कैसे सुधार हो सकता है।

सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग के पीछे तो वातावरण बिल्कुल बदबूदार बना हुआ है। हालांकि, अस्पताल की सफाई व्यवस्था का जिम्मा 72 सफाई कर्मचारियों पर है लेकिन ये सफाईकर्मी हैं कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था सुधारने के प्रति गंभीर नहीं हैं वहीं अस्पताल प्रबंधन भी इसको लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है। जिससे अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है।

डम्पिंग केंद्र के चारों ओर नहीं बनाई दीवार 
सरकार ने मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए नई बिल्डिंग की सौगात दी थी। नई बिल्डिंग में बैड से लेकर मरीजों को हर तरह की सुविधा प्रदान की हुई है लेकिन अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली से सफाई व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा नई बिल्डिंग के पीछे 10 कदम दूर ही अस्थायी रूप से डम्पिंग केंद्र बनाया हुआ है। इस डम्पिंग केंद्र में सफाई कर्मी ऐसे ही खुले में कूड़ा फैंककर चले जाते हैं।

क्योंकि डम्पिंग केंद्र के चारों ओर दीवार नहीं बनाई गई है। जिससे थोड़ी-सी हवा चलने पर डम्पिंग केंद्र से कूड़ा इधर-उधर उडऩे लगता है जो अस्पताल के प्रांगण तथा आसपास फैल जाता है। जहां जगह-जगह गंदगी फैल जाती है और मरीजों को खासी परेशानी होती है। सिविल अस्पताल में 210 कर्मचारियों को आऊटसोर्सिंग के तहत रखा हुआ है। इन 210 कर्मचारियों पर 3 सुपरवाइजर हैं।

इनमें से 30 युवाओं को सिक्योरिटी के तौर पर लिया हुआ है। इसके अलावा 68 युवाओं को वार्ड सर्वर नियुक्त किया हुआ है। 10 युवा डाटा ऑपरेटर का कार्य संभाल रहे हैं। 3 इलैक्ट्रिशियन रखे हुए हैं। 5 इलैक्ट्रिशियन हैल्पर सेवाएं दे रहे हैं। 6 युवाओं को लिफ्ट ऑपरेटर का जिम्मा दिया हुआ है। एक कूक और एक (एफ.एस.ओ.) फायर सेफ्टी, एक कारपेंटर तथा एक कारपेंटर हैल्पर के तौर पर रखा हुआ है। 

अगस्त महीने में आऊटसोर्सिंग पर लगाए थे सफाईकर्मी
सिविल अस्पताल में 72 सफाईकर्मियों को अगस्त माह में ठेके पर लिया था। इससे पहले भी कई दिन हड़ताल के चलते सिविल अस्पताल में साफ-सफाई नहीं हो पाई थी। जिसके कारण मरीजों को करीब 15-20 दिन खासी परेशानी उठानी पड़ी थी। इसका कारण ये था कि आऊटसोर्सिंग ठेका लेट छोड़े जाने से पुराने सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गए थे। इसका असर ये हुआ था कि सिविल अस्पताल में कई दिन साफ-सफाई नहीं हो पाई थी।

अस्पताल के वार्डों से लेकर प्रांगण तथा आसपास तक कचरा फैल गया था। उसके बाद नई कम्पनी को ठेका मिलने पर नए सफाईकर्मियों को भर्ती किया गया और उसके बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हो पाया था लेकिन अब दोबारा फिर सफाई व्यवस्था लचर हो गई है। कारण यही है कि सफाई कर्मी अपनी ड्यूटी के प्रति गंभीर नहीं है वहीं नई बिल्डिंग के पास बने डम्पिंग केंद्र के आसपास बिखरा कूड़ा भी सफाई की लापरवाही का कारण है। 

Isha