खबर का असर : मुख्यमंत्री उड़नदस्ता और खाद सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने कुट्टू के आटे की फैक्ट्री में की छापेमारी, 35 क्विंटल आटा बरामद

3/23/2023 5:25:56 PM

सोनीपत (सन्नी मलिक) : शहर में कुट्टू का आटा खाने से सैकड़ों लोग आज बीमार हो गए, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों में हड़कंप मच गया। पंजाब केसरी ने इस खबर को बड़ी प्रमुखता से उठाया तो मुख्यमंत्री उड़नदस्ता और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी एक्शन मोड में नजर आए और उन्होंने पूरे शहर में ताबड़तोड़ छापेमारी की। शहर के पॉश इलाके में बनी दुकानों और ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया के कुट्टू के आटे को लेकर छापेमारी की और कुट्टू के आटे के सैंपल भरे और अभी भी दोनों विभागों के अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं।

आज सोनीपत के कई इलाकों से कुट्टू का आटा खाने से सैकड़ों लोग सिर में कंपन, उल्टी,  दस्त और पेट मे दर्द की शिकायत होने बाद निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने लगे तो ये पता चला कि सभी ने नवरात्रों के पहले दिन कुट्टू के आटा व सामयिकी का सेवन किया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता व खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों में मिलकर शहर में कुट्टू के आटे के उस स्त्रोत का पता लगाने में जुट गया जहां से पूरे शहर की अलग-अलग दुकानों में कुट्टू का आटा सप्लाई किया गया था। आखिरकार मुख्यमंत्री उड़नदस्ता व खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी वहां तक पहुँचने में सफल हो पाए जहां से पूरे शहर में कुट्टू का आटा सप्लाई किया गया था। दोनों विभागों ने ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में चल रही एक फैक्ट्री पर छापेमारी की और 35 क्विंटल कुट्टू का आटा बरामद किया। आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे पहले टीम ने शहर की कई दुकानों पर छापेमारी की। वहां से कुट्टू के आटे के सैंपल भरे। बता दें कि कुट्टू की सबसे ज्यादा पैदावार होती है और अगर इसको ज्यादा दिनों तक  स्टोर करके रखा जाता है तो ये ख़राब हो जाता है।

खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी वीरेंद्र गहलावत ने बताया कि आज स्वास्थ्य विभाग की ओर से हमें सूचना मिली थी कि कुट्टू का आटा खाने से लोग बीमार हो रहे हैं। इसके बाद हमने शहर की कई दुकानों पर छापेमारी की है और वहां से कुट्टू के आटे का सैंपल लिया है। मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के साथ हमने ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में छापेमारी की। उन्होंने बताया कि कुट्टू सबसे ज्यादा महाराष्ट्र और कर्नाटक में होता है। वहीं नवरात्रों के समय इसका प्रयोग होता है। अगर किसी को इसका सेवन करना है तो उसके लिए हमें कम से कम घी का प्रयोग करना है और हो सके तो देसी घी का प्रयोग किया जाए ताकि इसका प्रभाव शरीर पर बुरा ना पड़े। वहीं उन्होंने कहा कि हमारा विभाग जनता से अपील करता है कि इसका सेवन ना करें तो अच्छा रहेगा।

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Content Editor

Mohammad Kumail