बिजली के क्षेत्र में हरियाणा के आत्मनिर्भर होने से पूर्व सीएम हुड्डा को लग रहा है करंट: डा. संजय शर्मा

11/26/2022 11:30:55 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के प्रदेश मीडिया प्रमुख डा. संजय शर्मा ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में हरियाणा का आत्मनिर्भर होने से पूर्व सीएम हुड्डा को राजनीतिक रूप से हाईवोल्टेज करंट लगा है। या यूं कहें कि हुड्डा को हरियाणा का आत्मनिर्भर होना हजम नहीं हो रहा है, क्योंकि भाजपा की मनोहर सरकार ने राज्य के लोगों को 24 घंटे बिजली देकर कांग्रेस व तमाम राजनीतिक पार्टियों से उनका चुनावी मुद्दा छीन लिया है। शर्मा ने कहा कि भाजपा की ईमानदार मनोहर सरकार की नीतियों का डंका अब प्रदेश ही नहीं पूरे देश में बज रहा है। दूसरे राज्य भी हरियाणा की नीतियों का अनुसरण कर रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दूसरे राज्यों से हरियाणा की नीतियों का अनुसरण करने के लिए कहा है। 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बिजली का मुद्दा उठाकर अपनी खीज उतार रहे हैं। कांग्रेस के शासनकाल में हरियाणा की जनता बिजली और पानी को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करती रहती थी। 48 वर्षों से बिजली को मुद्दा बनाकर कांग्रेस समेत दूसरी पार्टियां राज करती आ रही थी। लेकिन 2014 के बाद भाजपा की मनोहर सरकार ने उनकी राजनीतिक दुकानें बंद कर दी। ऐसे में अब पूर्व सीएम हुड्डा को आने वाले चुनाव में कोई मुद्दा नजर नहीं आ रहा है तो अब वे छटपटा रहे हैं। डा. शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जो वादा किया उसे पूरा करके दिखाया है। 

डा. संजय शर्मा ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान हरियाणा के सिर्फ 508 गांवों को 24 घंटे बिजली मिलती थी। 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इन आठ सालों में हरियाणा के 5681 गांव जगमग हो रहे हैं। 80 प्रतिशत से अधिक गांवों को 24 घंटे बिजली मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के बिजली बिल माफी के बयान पर डा. शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि हरियाणा की जनता जागरूक हो चुकी है और वो समझ चुकी है कि मुफ्तखोरी से राज्य का विकास संभव नहीं है। हरियाणा के लोग कर्मठ और मुफ्त की चीजों पर विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा कि हुड्डा के पास कहने को कुछ नहीं बचा है इसलिए वो जनता को गुमराह करने का प्रयास करने में जुटे हैं। 

 

मीडिया प्रमुख ने कहा कि भाजपा के 8 साल पिछले 48 वर्षों के कार्यों पर भारी पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अक्तूबर, 2014 से पहले बिजली बिल नहीं भरने की एक परिपाटी चली आ रही थी जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2016 में बाढ़सा में तोड़ा और लोगों से बिल भरने की अपील की।  सीएम की अपील का असर हुआ जहां पहले ग्रामीण क्षेत्र से बिजली बिलों की रिकवरी 50 प्रतिशत से भी कम थी जो अब बढ़कर 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है। 

 

मीडिया प्रमुख डा. शर्मा ने कहा कि आठ सालों में हरियाणा ने बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जिससे आज हरियाणा बिजली के मामले में देशभर में अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। 2014 में राज्य में लाइन लॉस 29 प्रतिशत था, जो आज घटकर 14 प्रतिशत हो गया और लगभग 6000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। हरियाणा के चारों बिजली निगम आज लाभांश की स्थिति में है। पिछले 2 साल में एनर्जी एफिशिएंसी रैंक में हरियाणा शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ है। 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma