हरियाणा में समान विकास के ''मंत्र'' को सीएम खट्टर ने फिर किया ''पुख्ता''

8/2/2020 7:17:55 PM

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक बार फिर सबका साथ सबका विकास व हरियाणा एक हरियाणवीं एक के नारे को चरितार्थ करते हुए व्यवस्था परिवर्तन के दौर को आगे बढ़ाते नजर आ रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री जहां इस रक्षाबंधन पर भी प्रदेश की महिलाओं को शिक्षा के रूप में 10 कन्या महाविद्यालयों की सौगात देते हुए जहां महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा रहे हैं तो वहीं वे इन महिला महाविद्यालयों के जरिए सियासी रूप से भी यह संकेत देने का प्रयास कर रहे हैं कि वे क्षेत्रवाद, जातिवाद से ऊपर उठकर राजनीतिक द्वेषता को दरकिनार करते हुए पूरे प्रदेश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि सोमवार को राखी के दिन वे पंचकूला से प्रदेश में 10 महिला कॉलेजों का शिलान्यास करेंगे। यह प्रक्रिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी। जिसकी सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। बेशक हर बार की तरह इस बार भी सी.एम. खट्टर रक्षाबंधन के मौके पर प्रदेश की महिलाओं को कॉलेज रूपी सौगात दे रहे हैं, मगर इसके अपने सियासी मायने भी हैं। 

विशेष बात यह है कि जिन क्षेत्रों में ये 10 कन्या महाविद्यालय खुलने हैं उनमें केवल मात्र यमुनानगर क्षेत्र ऐसा है जहां से भाजपा के विधायक हैं जबकि शेष 9 क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व गैरभाजपा विधायक करते हैं। सियासी पर्यवेक्षकों के अनुसार मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों का चयन करके यह साफ संकेत दिया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाते वे अपने विरोधियों को राजनीतिक द्वेषता के तहत नजरअंदाज करने का प्रयास नहीं करते बल्कि पूरे हरियाणा को एक समान दृष्टि से देखते हुए विरोधी विधायकों को भी विकास के दृष्टि से उतना ही महत्व देते हैं जितना अपने विधायकों को। 

संदेश साफ है कि सी.एम. खट्टर बिना किसी द्वेषता के समान रूप से पूरे हरियाणा में विकास के ही नए आयाम स्थापित करना चाहते हैं। गौरतलब है कि हरियाणा में भाजपा की पहली बार अपने बूते वर्ष 2014 में सरकार बनी और हाईकमान ने करनाल विधानसभा से निर्वाचित हुए मनोहर लाल खट्टर को बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश की कमान सौंपी। 

मुख्यमंत्री बनने के बाद बेशक उन्हें अपने सामने विपक्ष के साथ साथ अपनों द्वारा पैदा की गई चुनौतियों को पार करना पड़ा मगर वे इस स्थिति से विचलित होने की बजाए खुद के प्रयोगों को आजमाते हुए आगे बढ़ते चले गए। उन्होंने कार्यभार संभालते ही साफ तौर पर कहा कि उनकी सोच सबका साथ सबका विकास व हरियाणा एक और हरियाणवीं एक है। 

इसके तहत उन्होंने प्रदेश के उन तमाम हलकों को भी विकास के पहिए से जोड़ा जहां विधायक विरोधी दलों के थे। उनके इन्हीं प्रयोगों और परम्परावादी राजनीति से हटकर नई सोच के कारण वे प्रयोगधर्मी के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे।

ऐसे पुख्ता हो रही सी.एम. की सोच
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पार्ट-1 में सबका साथ सबका विकास और हरियाणा एक व हरियाणवी एक की बात को चरितार्थ करके भी दिखाया। हालांकि भाजपा के पास 47 विधायक थे लेकिन उन्होंने 90 के 90 हलकों के विधायकों को विशेष तरजीह दी और खुद सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। 

जिन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा हार गई थी उन हलकों में हारे गए उम्मीदवार व पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से संवाद स्थापित कर क्षेत्र की समस्याओं को जाना और यही नहीं इन संबंधित हलकों के दूसरे दलों के विधायकों से भी विकास को लेकर राय मशविरा किया गया और उनकी मांगों को पूरा कर वहां कई परियोजनाओं पर काम शुरू करवाया। समान रूप से सभी 90 हलकों के लिए ग्रांट जारी की और विकास करवाया गया। 

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का साफ कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी सार्थक सोच को जमीनी रूप प्रदान करते हुए वाकई हरियाणा की राजनीति में नए नए प्रयोगों को अंजाम दिया है। अब सोमवार को प्रदेश के 10 क्षेत्रों में महिला कॉलेज बनाने के लिए मुख्यमंत्री खट्टर जो आधारशिला रखने जा रहे हैं इनमें केवल यमुनानगर जिला में प्रतापनगर ही ऐसा क्षेत्र हैं जहां बीजेपी का विधायक है जबकि अन्य 9 हलकों के विधायक दूसरे दलों से संबंधित हैं। मुख्यमंत्री खट्टर की इस नीति से साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि विकास के मामले में उनकी सोच पूरे प्रदेश के लिए एक समान ही है।

हर बार राखी के जरिए मजबूत किया रिश्ता
सी.एम. खट्टर ने राखी की प्रासंगिकता को बरकरार रखते हुए हर बार राखी पर महिलाओं को खास तोहफा देते हुए अपना रिश्ता मजबूत किया है। रोडवेज की बसों में पहले 1 दिन यानी राखी वाले दिन महिलाओं को फ्री यात्रा दी जाती थी मगर मुख्यमंत्री खट्टर ने इस यात्रा को दो दिन के लिए मुफ्त किया। इसके अलावा रक्षाबंधन के ही दिन पूरे प्रदेश में महिला थानों के रूप में महिलाओं को सशक्त बनाया तो अब इस बार महिला कॉलेज के रूप में विशेष उपहार दिया जा रहा है। 

इन कॉलेजों के खुलने से जहां ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों को उनके घर द्वार पर ही शिक्षा मिल सकेगी तो वहीं पढ़ाई के मामले में अनुपात भी सुधरेगा। इसके साथ ही रक्षाबंधन पर्व पर महिला कर्मचारियों को ऑनलाइन स्थानांतरण नीति में स्टेशन का विकल्प चुनने के रूप में भी बड़ा तोहफा दिया है। 
 

Edited By

vinod kumar