खिलाडिय़ों के विरोध के बाद CM मनोहर ने तोड़ी चुप्पी (video)

6/8/2018 7:32:58 PM

चंड़ीगढ़(धरणी): वे प्रोफेशनल खिलाड़ी जो सरकारी नौकरी पर लगे हुए हैं, उनके संबंध में खेल सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन, जिसमें खिलाडिय़ों की नौकरी के इलावा खेल या अन्य किसी व्यसाय से अर्जित धन के 33प्रतिशत हिस्से को सरकार के खाते में जमा कराने को कहा गया है। जिसका सभी प्रोफेशनल खिलाडिय़ों ने विरोध जताया। जिसके बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने एक बयान दिया है।

सीएम ने कहा, मैंने खेल विभाग से इस बारे में उक्त अधिसूचना के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है और आदेश मिलने तक रोकने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि हमें खिलाडिय़ों द्वारा खेलों में अत्यधिक योगदान देने पर गर्व और उन्हें मैं सभी मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन देता हूं।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने एक अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है। सरकार ने हरियाणा प्रोफेशनल खिलाडिय़ों को बड़ा झटका देते हुए उनकी कमाई का पैसा मांगा है। खेल विभाग ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए प्रोफेशनल खिलाडिय़ों की आय का 33 फीसदी हिस्सा मांगा है। हरियाणा सरकार के खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने ये निर्देश जारी किया है।

खिलाड़ी अगर बिना तनख्वाह के किसी प्रोफेशनल टूर्नामेंट या विज्ञापन इत्यादि में काम करता है तो उसे कमाई की एक तिहाई फीस स्पोर्टस कौंसिल को देनी होगी। खिलाड़ी तनख्वाह के साथ-2 भी प्रोफेशनल खेलता है या किसी कमर्शियल एंडोर्समेंट का हिस्सा बनते हैं तो खिलाड़ी को अपनी पूरी कमाई स्पोट्र्स कौंसिल को देनी होगी। हरियाणा के खिलाड़ी इस फैसले के बाद बगावत पर उतर आए हैं।

यह पुराना नियम, इसमें कुछ नया नहीं: विज 
वहीं, दूसरी ओर इस मामले में हरियाणा के स्वास्थ्य और खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि खेल विभाग में इस प्रकार के नियम पहले से ही हैं, इसमें कुछ नया नहीं है। विज ने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है ये हरियाणा सरकार का रूल 56 के तहत एक नियम होता है कि अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी कोई कमर्शियल इनकम करता है तो उसका एक तिहाई वो सरकार को जमा करवाएगा। विज ने कहा कि हमने बॉक्सर विजेंदर को जब प्रोफेशनल बॉक्सिंग के लिए इजाजत दी थी तब हाइकोर्ट में एक केस लगा था। तब उस केस में हाईकोर्ट ने हमें कहा था कि खिलाडिय़ों के लिए भी गाइडलाइंस तय की जाएं। ये जो सरकारी कर्मचारी और खिलाड़ी प्रोफेशनल खेलते हैं उनके लिए ये नोटिफिकेशन जारी की गई है, जो कि सरकार का एक बहुत पुराना नियम है। 

खिलाडिय़ों के समर्थन में आए केन्द्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह 
वहीं केन्द्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने खिलाडिय़ों के समर्थन में आए हैं। उन्होंने ट्विटर के जरिए कहा कि सरकार को खिलाडिय़ों को बेडिय़ां बांधने की बजाय उन्हें मोटिवेट करना चाहिए। उन्होंने यह भी लिखा कि पिछले पांच साल में हरियाणा ने कई सारे  मेडल जीतकर खुद को खिलाड़ी राज्य की तरह बनाया है।



ऐसे अफसर से राम बचाए: योगेश्वर दत्त
सरकार के इस फरमान से गुस्साए पहलवान योगेश्वर दत्त ने ट्वीट कर अशोक खेमका पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि ऐसे अफसर से राम बचाए। जब से खेल विभाग में आए हैं तब से बिना सिर-पैर के तुग़लकी फऱमान जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने गुस्से में यहां तक कह डाला कि हरियाणा के खेल-विकास में आपका योगदान शून्य है। इस हरकत के बाद से तो हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और इसके जिम्मेदार सिर्फ आप होंगे। योगेश्वर दत्त ने लिखा कि इन लोगों को तो इतना भी नहीं मालूम की जब  प्रो लीग होती है तो खिलाड़ी कैंप में रहते हैं, इसमें हिस्सा लेते हैं। कितनी बार छुट्टियों का अप्रूवल लेते रहेंगे और कहां-कहां से।

सरकार खिलाडिय़ों का मनोबल नीचे गिरा रही: पुनिया 
पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा सरकार खिलाडिय़ों का मनोबल नीचे गिरा रही है। हरियाणा सरकार में नौकरी करने वाले प्रोफेशनल खिलाड़ी ऑन ड्यूटी अगर कोई विज्ञापन या कोई लीग के माध्यम से कमाई करेंगे। तो उसका 100 प्रतिशत और छुट्टी लेकर खेलेंगे तब भी 33 प्रतिशत सरकार को कमाई देंगे। साथ ही कहा कि ये सरकार तो कॉमनवेल्थ तक का सम्मान नहीं कर पाई।

यह सरकार की बिना हाथ-पैर वाली बात, जो मन में आया लागू किया: बबीता
मनोहर सरकार द्वारा खिलाडिय़ों की कमाई के एक तिहाई हिस्सा मांगने की बात बबीता फौगाट को भी हजम नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार की ये बिना हाथ-पैर वाली बात है, जो मन में आया उसे लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि कोई  भी नियम लागू करने के लिए उसका कोई लॉजिक होना चाहिए। बबीता ने सवाल उठाया कि यदि हम कहीं से भी यदि कमाई कर के लाते हैं तो उसमें पहले ही हर तरह का टैक्स देते हैं तो हम सरकार को अलग से यह हिस्सा क्यों दे?

खिलाडिय़ों को धीरे-धीरे खत्म करने वाली सरकार पहली बार देखी: गीता
वहीं, दंगल गर्ल गीता फौगाट ने हरियाणा सरकार के इस फरमान पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा कि हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने वाली सरकारें तो देखी थी पर खेलों और खिलाडिय़ों को धीरे-धीरे खत्म करने की नीति वाली सरकार पहली बार देख रहे हैं।

Shivam