"हरियाणा एक हरियाणवी एक" के जननायक बने हैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल: जवाहर सिंह यादव

10/28/2023 11:59:22 AM

चंडीगढ़ (धरणी) : मुख्यमंत्री के ओएसडी (आफीसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) यानि वह पद जो मुख्यमंत्री अपने बेहद विश्वसनीय, नजदीकी व अचूक राजनीतिक समझ रखने वाले व्यक्ति को देते हैं। राजनीतिक रूप से बेहद परिपक्व भाजपा के कर्मठ सिपेसलार, अपनी क्षमता और काबिलियत को हमेशा हर मौके पर प्रमाणित करने वाले मुख्यमंत्री हरियाणा के ओएसडी जवाहर सिंह यादव से पंजाब केसरी ने विशेष बातचीत की। 9 साल में भाजपा द्वारा किए गए कार्यों तथा बचे 1 साल के टारगेट बारे विस्तार से चर्चा हुई। जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री की कार्यशैली और कर्तव्यनिष्ठा की खूब तारीफ करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर खूब कटाक्ष किए। आम आदमी पार्टी को प्रदेश में कहीं भी न होने के दावे के साथ केजरीवाल से उन्होंने प्रशन करते हुए पूछा कि पंजाब में सरकार बनने के बाद आखिर हर साल उठने वाले पराली जलाने के मुद्दे पर आज वह मौन धारण किए हुए क्यों हैं। यादव ने दावा किया कि प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटें बीजेपी जीतेगी और दो तिहाई बहुमत से मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में फिर से भाजपा अपना पंचरम लहराएगी। ओर भी कई महत्वपूर्ण विषयों पर हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं :-

प्रश्न : मनोहर सरकार के 9 साल पूरे होने पर प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने अपनी उपलब्धियां गिनवाई, अगले 1 साल में आपकी सरकार का रोडमैप क्या है ?
उत्तर : 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि चलाई गई सभी योजनाओं में गति लाने की आवश्यकता अगर है तो उसे पर हमारा फोकस रहेगा। जनता को सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले, ऐसे सभी प्रोजेक्ट जो जनता को लाभान्वित करेंगे उनका उद्घाटन किया जाए, इस पर सरकार का मुख्य ध्यान रहेगा। मुख्यमंत्री की रुचि हमेशा गरीब कल्याण रही है, 9 साल भी इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने काम किया है और अगला 1 साल भी हमारा ऐसा ही बीतेगा।

प्रश्न : मुख्यमंत्री के नजदीकी टीम का हिस्सा है आप, आपको सरकार में क्या उपलब्धियां नजर आई हैं ?
उत्तर : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में प्रशासन में सुशासन दिया है, पोर्टल और पारदर्शिता एक बड़ी उपलब्धि है। अगर हम पिछले मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा जिन्होंने 10 साल तक प्रदेश में शासन किया और और मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन्होंने दसवेन वर्ष में प्रवेश किया है, दोनों की तुलना करें तो पहले जातिवाद और क्षेत्रवाद की राजनीति होती आई है। लेकिन मनोहर लाल हरियाणा एक हरियाणवी एक और सबके समान विकास पर काम कर रहे हैं। यही बड़ा अंतर है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल ही में कहा कि दलित- पिछड़ा- बनिया- पंजाबी- राजपूत मुख्यमंत्री नहीं बल्कि उपमुख्यमंत्री बनेंगे। जबकि मनोहर लाल कहते हैं कि यह पार्टी तय करेगी कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा। यही उनकी और मनोहर लाल की सोच में अंतर है। जब आप एक प्रमुख जाति के नहीं बल्कि प्रदेश के हर व्यक्ति के मुख्यमंत्री बनेंगे तो अपने आप ही अच्छे काम होते चले जाएंगे जो कि मनोहर लाल कर रहे हैं।

प्रश्न : भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चार अलग-अलग जातियों के उपमुख्यमंत्री वाले बयान पर यू टर्न लेकर यह भी कहा कि जाट भी उप मुख्यमंत्री बन सकता है ?
उत्तर :
 भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुछ जातियों को अपमानित करना चाह रहे थे कि यह मुख्यमंत्री पद के लिए डिजर्व नहीं करती। पिछड़े- दलित- ब्राह्मण- बनिए- पंजाबी- राजपूत- सिख यानि प्रदेश के 80 फ़ीसदी लोगों ने जब अपनी ताकत दिखाई तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अपने शब्द वापस लेने पड़े। फिर कहना पड़ा कि मेरी जाति जाट का भी उपमुख्यमंत्री बन सकता है अगर मुख्यमंत्री नहीं बनता तो। यह ताकत है हमारी 80 फ़ीसदी आबादी का। जिसने पलटकर वार किया इस कारण हुड्डा को अपने शब्द वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह हरियाणा की ताकत है।

प्रश्न : हुड्डा मुख्यमंत्री बनने पर पीपीपी समेत कई पोर्टल बंद करने तथा ओ पी एस लागू करने की बात कह रहे हैं ?
उत्तर : 
भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के दौरान 865000 बीपीएल कार्ड थे जो कि हम 8 सालों में मात्र 20000 ही बढ़ाढकर 885000 कर पाए। लेकिन परिवार पहचान पत्र के कारण 31 लाख परिवारों को बीपीएल में जुड़ने का अवसर मिला। 120000 रुपए प्रतिवर्ष आय सीमा को बढ़ाकर मुख्यमंत्री ने 180000 कर दिया। यह पोर्टल का ही जादू है कि आज गरीब के राशन, स्वास्थ्य और शिक्षा की चिंता पारदर्शिता से हो रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का किसी को लाभ देने का नजरिया कुछ ओर था, लेकिन आज पोर्टल में कोई भी मानवीय दखल नहीं है। यही अंतर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फिर तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने से रोक रहा है।

प्रश्न : हुड्डा मुख्यमंत्री बनने पर एसवाईएल का पानी लाने का भी दावा कर रहे हैं ?
उत्तर : 
वह पहले 10 साल मुख्यमंत्री रहे पहले क्यों नहीं लेकर आए। ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का भी दावा कर रहे हैं। 2009 में चुनाव लड़ा उस घोषणा पत्र में 2014- 2019 में भी चुनाव लड़ा उन घोषणा पत्रों में भी ओ पी एस का जिक्र नहीं था। आज वह इसे केवल इसे सत्ता का माध्यम बनाना चाहते हैं। यह एक राजनीतिक दाव है। क्योंकि उनकी दाल नहीं गल रही। आखिर यह समझ इन्हें पिछले चार चुनावों में क्यों नहीं आई। यह एक बडे ताज्जुब की बात है।

प्रश्न : मिशन 2024 विधानसभा चुनाव में भाजपा किन-किन मुद्दों को हल करवाने के दावे से चुनावी मैदान में उतरेगी ? 
उत्तर : 
मुख्यमंत्री की सोच है कि कोई व्यक्ति भूखा ना रहे, हर किसी को अच्छा स्वास्थ्य - अच्छी शिक्षा मिले, सड़क बेहतर होनी चाहिए। इस चिंता के साथ मुख्यमंत्री हमेशा काम करते हैं। इसमें ना किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव है ना ही किसी जिले के साथ। दक्षिण हरियाणा में पानी की कमी को देख वहां पानी पहुंचाया गया, जिससे ग्राउंड वाटर ऊंचा हुआ, किसान आर्थिक रूप से संपन्न हुए। उत्तर हरियाणा बेल्ट पर यमुनानगर के आसपास क्षेत्र में हुड्डा सरकार ने हमेशा भेदभाव किया। हमारी सरकार ने वहां भी लगातार विकास किया। चौटाला का क्षेत्र समझकर हुड्डा ने जिला सिरसा की भी हमेशा अनदेखी की। लेकिन हमारी सरकार ने लगातार उस क्षेत्र में विकास किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार बनने पर फसलों में सफेद मक्खी लगने से हुए नुकसान पर लगभग 1200 करोड रुपए का मुआवजा दिया गया जो सबसे अधिक पांच जिलों में मुआवजा गया, उनमें से तीन जिले पलवल- मेवात और सिरसा में भाजपा की एक भी सीट नहीं थी यानि मुख्यमंत्री ने हमेशा जिस व्यक्ति को वास्तव में मदद चाहिए उसे दी है। हरियाणा एक हरियाणवी एक के जननायक मुख्यमंत्री मनोहर लाल बने हैं।

प्रश्न : मिशन 2024 के तहत पहले चौ0 बीरेंद्र सिंह ने रैली की, अब उनके बेटे 'मेरी आवाज सुनो' बाइक यात्रा निकाल रहे हैं, आपका क्या नजरिया है ?
उत्तर : 
भाजपा के हर कार्यकर्ता को अपनी बात कहने का अधिकार है और वह अपने हिसाब से कह रहे हैं।

प्रश्न : कांग्रेस के प्रति उनका पुराना प्यार भी झलक रहा है ?
उत्तर : 
उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी से पारिवारिक संबंध होने की बात कही है। भारतीय लोकतंत्र की विशेषता है कि निजी संबंधों के कारण कोई किसी की तारीफ कर सकता है। आज अगर भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहीं भी मिले, वह मुझसे उम्र में बड़े हैं तो मेरा दायित्व बनता है कि मैं उन्हें जाकर नमस्कार करूं, उनका हाल-चाल पूछुं। ऐसे ही चौधरी चौटाला है चाहे मैंने उनकी बहुत आलोचना भी की है, लेकिन राजनीतिक आलोचना अलग है और व्यक्तिगत - सामाजिक जीवन अलग-अलग होते हैं। इस आधार पर अगर बीरेंद्र सिंह या उनके पुत्र कुछ कह भी रहे हैं, तो मैं इसे गलत नहीं मानता।

प्रश्न : आगामी विधानसभा-लोकसभा में क्या जेजेपी के साथ रहने की संभावना है ?
उत्तर : 
इस प्रश्न का उत्तर केंद्रीय नेतृत्व या फिर प्रदेश अध्यक्ष ही दे पाएंगे। इसका उत्तर मेरे पास नहीं है।

प्रश्न : आम आदमी पार्टी का हरियाणा में कितना बेस नजर आ रहा है ?
उत्तर : 
आम आदमी पार्टी केवल ट्वीट की राजनीति करती है, जिसका धरातल पर कुछ नहीं है। आज पंजाब के हालात देखें तो उनके पास सैलरी देने तक के पैसे नहीं है। कितने गांव में वह 24 घंटे बिजली दे पा रहे हैं जबकि वहीं हरियाणा के 5700 के करीब गांव में हम 24 घंटे बिजली दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी केवल शोर मचाती है। कुछ चीजों का लगभग लगातार विज्ञापन देती है। आज जब बड़ी संख्या में पंजाब में पराली जल रही हैं तो केजरीवाल चुप हैं। उन्हें दिल्ली के लोगों का हित नजर नहीं आ रहा। हरियाणा का पानी दबाकर बैठे हैं, केजरीवाल चुप हैं। ऐसे बहुत से विषय हैं जिन पर हमेशा चीख चीख कर शोर मचाने वाले केजरीवाल पूरी तरह से मोन धारण कर चुके हैं। आज पंजाब को नशा बर्बाद कर रहा है। जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार नशे के खिलाफ खड़े नजर आए। तरह-तरह से जागृति अभियान चलाए गए हैं। मैं पूछना चाहूंगा केजरीवाल से कि पंजाब में सरकार बनने के बाद धुआं क्या हरियाणा होते हुए दिल्ली की बजाय पाकिस्तान पहुंच रहा है।

प्रश्न : कर्मचारियों के लिए 4 फ़ीसदी डी ए केंद्र के लागू करते ही हरियाणा ने भी इसे तुरंत इंप्लीमेंट किया, क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
सातवां वेतन आयोग भी पूरे देश में लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य था। हमेशा चाहे कर्मचारी हो या अन्य कोई वर्ग सभी के प्रति मुख्यमंत्री सजग हैं। आशा वर्कर को पहले केवल 500 रुपए मिलते थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा से फिर भी लाल झंडे वाले काफी खुश रहते थे। हमारी सरकार बनने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे 500 से 1000 किया, फिर 1000 से 4000 और अब 4000 से 6100 पर पहुंच गया है। इंसेंटिव अलग से मिल रहे हैं। यह मुख्यमंत्री की सकारात्मक सोच के कारण की हो पाया है।

प्रश्न : पिछली बार के चुनावों से पहले कर्मचारियों की मान मनव्वल को लेकर काफी कसरत करनी पड़ी थी ?
उत्तर : 
मुझे नहीं लगता कि अब कोई कर्मचारी धरने पर बैठा है। क्लर्कों वाला विषय भी कमेटी के पास चला गया है। आशा वर्करों वाला भी निमट गया है। डी ग्रुप वाली भर्तियों के लोग भी धरने से उठ चुके हैं। आज ऐसा कोई आंदोलन नहीं है जो परेशानी का विषय बना हुआ हो, सभी संतुष्ट हैं।

प्रश्न : आगामी चुनाव में जवाहर यादव लोकसभा चुनाव लड़ते नजर आएंगे या फिर विधानसभा ?
उत्तर : 
हम 10 की 10 लोकसभा सीटें जीतेंगे और दो तिहाई बहुमत से मनोहर लाल के नेतृत्व में सरकार बनाएंगे। भाजपा का हर कार्यकर्ता हर सीट पर चुनाव लड़ता नजर आएगा।

 

Content Writer

Manisha rana