हरियाणा में कोयले की कमी से गहरा सकता है बिजली संकट

7/11/2018 8:24:09 PM

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में बिजली संकट गहरा सकता है जिसका मुख्य कारण थर्मल प्लांट के लिए कोयले की कमी रहेगा। हरियाणा के यमुनानगर, पानीपत व हिसार के थर्मल प्लांट कोयले पर आधारित हैं। पानीपत व हिसार में मात्र दो दिन का कोयला शेष है, कोयले का स्टॉक न होने के चलते अधिकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय कोयला मंत्री से कोयले का इंतजाम करने का अनुरोध किया है।

क्या है कोयले की स्थिति
पानीपत थर्मल प्लांट में जहां 210 मेगावाट के 2 यूनिट हैं और 250 मेगावाट के 2 यूनिट हैं, वहां प्रतिदिन 15हजार टन कोयले की खपत होती है। अगर कोयला प्रतिदिन आता रहे तो थर्मल चलाने में कोई दिक्कत नहीं लेकिन एक भी दिन अगर कोयला नहीं आएगा तो थर्मल प्लांट को चलाना मुश्किल हो जाएगा। हिसार थर्मल प्लांट जहां 600 मेगावाट के 2 यूनिट काम कर रहे हैं वहां भी 15 से 16 हजार टन प्रति दिन की कोयले की खपत है, यहां मात्र 2 दिन का कोयला बकाया है। इसी तरह यमुनानगर थर्मल प्लांट में 300 मेगावाट के दो यूनिट हंै, जिनमें बिजली उत्पादन चल रहा है यहां भी कोयला बहुत कम है।

हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास का कहना है कि हरियाणा हरियाणा में बिजली संकट को देखते हुए सभी इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम पीक आवर में हरियाणा में 2128 मेगावाट बिजली की सप्लाई की गई। उन्होंने माना कि हरियाणा में थर्मल प्लांट में कोयला बहुत कम बचा है, जिसके चलते आने वाले समय में परेशानी हो सकती है। उन्होंने बताया कि जहां-जहां से कोयला आता है वहां अधिक वर्षा के कारण कोयले के रैक नहीं लग रहे। अगर एक-दो दिन और कोयला नहीं मिलता तो दिक्कत ज्यादा बढ़ सकती है, जिसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि हरियाणा में अलग-अलग चार कंपनियों से हमें बिजली की सप्लाई हो रही है। इस संबंध में केंद्रीय कोयला मंत्री से बात की है और इसका शीघ्र समाधान करने का अनुरोध भी किया है।

Shivam