हरियाणा में आचार संहिता को लेकर मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश, जानिए Code of Condut से जुड़े अहम बिंदू
punjabkesari.in Sunday, Aug 18, 2024 - 02:58 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखऱ धरणी): हरियाणा में विधानसभ चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है। मुख्य सचिव की ओर से आदर्श आचार संहिता को लेकर आदेश भी जारी किए गए हैं। इस दौरान अधिकतर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक रहेगी।
प्रचार के लिए मिलेंगे 44 दिन
चुनावी घोषणा के बाद यानि 17 अगस्त से 29 सितंबर तक प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए 44 दिन का समय मिलेगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में आचार संहिता 21 सितंबर को लागू हुई थी और वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। इस बार अगस्त में आचार संहिता लागू होने और अक्टूबर में चुनाव होने के कारण प्रचार के लिए करीब डेढ़ महीने का समय मिल रहा है।
क्या है Code of Condut से जुड़े अहम बिंदू
- आदर्श आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा तय किए गए नियम हैं जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए होते हैं। राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को इन नियमों का पालन करना होता है।
- आचार संहिता चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ लागू होती है और चुनाव प्रक्रिया के पूरी होने तक जारी रहती है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 16 अगस्त से लागू हो गई है।
- आचार संहिता के दौरान चुनाव से जुड़े अधिकारी किसी नेता या मंत्री से निजी मुलाकात नहीं कर सकते। सरकारी खर्चे पर इफ्तार पार्टी या अन्य कार्यक्रम नहीं हो सकते। सत्ताधारी पार्टी सरकारी पैसे से प्रचार नहीं कर सकती। नई योजनाओं पर काम नहीं शुरू हो सकता। नई पेंशन फॉर्म, राशन कार्ड, आर्म्स लाइसेंस, और BPL कार्ड नहीं बन सकते। नए टेंडर और सरकारी काम की घोषणाएं नहीं हो सकतीं।
- सीएम ने 50 हजार सरकारी पदों पर भर्ती का वादा किया है। इनमें से 34 हजार पदों पर भर्ती हो चुकी है, बाकी प्रक्रिया जारी है। भर्ती प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं होगी, लेकिन नियुक्ति पत्र सीएम या मंत्री अपने हाथों से नहीं दे सकेंगे।
- आचार संहिता के दौरान जरूरी काम, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य डॉक्यूमेंट्स बनाना जारी रहेगा। सरकारी काम और विकास कार्य भी बंद नहीं होंगे।
- आचार संहिता के दौरान सड़क बनाने या पीने के पानी की योजनाओं का शिलान्यास नहीं हो सकता। हालांकि जो काम पहले से चल रहे हैं, वे बाधित नहीं होंगे।
- आचार संहिता के दौरान सरकार अधिकारी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं कर सकती। आवश्यक होने पर चुनाव आयोग की अनुमति से ट्रांसफर हो सकते हैं।
- आचार संहिता के दौरान मंत्री सरकारी खर्च पर चुनाव रैली नहीं कर सकते और सरकारी वाहनों का चुनावी रैली के लिए उपयोग नहीं कर सकते।
- आचार संहिता के दौरान मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते और सरकारी सुविधाओं का चुनाव प्रचार के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता।
- आचार संहिता के दौरान शराब के ठेकों और तेंदू पत्तों के टेंडरों की नीलामी नहीं की जा सकती। सरकार आवश्यक होने पर आचार संहिता से पहले व्यवस्थाएं कर सकती है।