हरियाणा में केजरीवाल के सारथी बन सकते हैं कालेज के दोस्त ‘खेमका’!

3/12/2022 10:15:43 AM

चंडीगढ़ (अविनाश पांडेय): पंजाब में आम आदमी पार्टी की धमाकेदार जीत के बाद अब हरियाणा में नए समीकरण की कवायद तेज हो गई है। एक तरफ जहां भाजपा व कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की फौज आम आदमी पार्टी मेें अपना राजनैतिक भविष्य तलाश रही है तो वहीं प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भी उधेड़बुन शुरू हो गई है। इसी कड़ी में कभी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खडग़पुर आई.आई.टी. में दोस्त रहे चॢचत आई.ए.एस. डा. अशोक खेमका का नाम भी सुर्खियों  में है। केजरीवाल और खेमका अच्छे दोस्त हैं। खेमका कालेज की वरिष्ठता में केजरीवाल से एक वर्ष सीनियर थे। वह कम्प्यूटर साइंस से पासआऊट है तो केजरीवाल मैकेकिनल इंजीनियर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पंजाब मेंं अभूतपूर्व जीत के बाद से अशोक खेमका का झुकाव भी राजनीति की ओर बढ़ गया है। खेमका और केजरीवाल के बीच समय-समय पर संवाद भी होता रहता है। वाड्रा लैंड डील से सुर्खियों में आए थे 

खेमका, मोदी के भी पसंदीदा 
वर्ष 1991 बैच के हरियाणा काडर के आई.ए.एस. अधिकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. अशोक खेमका पूर्व की हुड्डा सरकार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा और डी.एल.एफ. के जमीन सौदे को रद्द करने के बाद एकाएक सुर्खियों में आए थे। इस लैंड डील कैंसिल करने के बाद खेमका को कई तरह की जांच झेलनी पड़ी। खेमका को तत्कालीन सरकार में कई तरह की परेशानियों का सामना करने के साथ ही दर्जनों बाद तबादलों का दंश झेलना पड़ा। यही नहीं वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस मुद्दे को तेजी से लपका और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सभी जनसभाओं में वाड्रा के बहाने कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर चोट किया। 

बताया गया कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार अशोक खेमका की तारीफ की और वह खेमका को पी.एम.ओ. में ले जाना चाहते थे लेकिन किन्हीं कारणों से मामला सिरे नहीं चढ़ सका। हालांकि भाजपा ने खेमका के उठाए मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन 7 वर्ष पहले प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से खेमका को अब तक कोई अहम पोस्टिंग नहीं मिल पाई। खेमका को इस सरकार में भी कई बार तबादले की चोट खानी पड़ी।

खेमका के नाम की चर्चाएं तेज, यू.पी. व पंजाब में कई अफसर बने विधायक 
हरियाणा की अफसरशाही में खेमका के आम आदमी पार्टी में जाने को लेकर चर्चाएं तेज हैं। तकरीबन अफसरों की जुबान पर केजरीवाल और खेमका की दोस्ती की चर्चाएं हैं। वहीं यू.पी. और पंजाब में कई अफसरों को चुनाव लडऩा रास आया है। यू.पी. में जहां आई.पी.एस. असीम अरुण और ई.डी. के वरिष्ठ अफसर राजेश्वर सिंह भाजपा से चुनाव जीत गए हैं तो वहीं पंजाब में बिहार से ताल्लुक रखने वाले आई.पी.एस. कंवर विजय प्रताप सिंह भी आम आदमी पार्टी से विधायक बने हैं। इन सभी अफसरों ने चुनाव से कुछ दिन पहले ही नौकरी से वी.आर.एस. लिया था। हरियाणा में वर्ष 2014 में आई.ए.एस. अभय सिंह यादव ने वी.आर.एस. लेकर भाजपा से चुनाव लड़ा था जो अब दूसरी बार विधायक हैं।

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Content Writer

Isha