काम में देरी व लापरवाही करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर कमीशन लेगा एक्शन: टीसी गुप्ता

6/17/2021 11:21:57 AM

चंडीगढ़ (धरणी) : नौकरियों में पारदर्शिता के बाद अब नौकरशाहों की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। राइट टू सर्विस कमीशन प्रदेश के 38 विभागों की 522 सेवाओं पर पैनी रखेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अफसर टीसी गुप्ता को इस कमीशन का अध्यक्ष बनाया है। जिन्होंने कार्यभार भी संभाल लिया है। टीसी गुप्ता हरियाणा के विभिन्न जिलों में एसडीएम, एडीसी और उपायुक्त के पद पर तो रहे ही चुके हैं साथ ही वह प्रदेश स्तर के भी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। उनका कार्यकाल काफी प्रभावपूर्ण रहा है। आने वाले समय में कमीशन की किस प्रकार की कार्यप्रणाली रहने वाली है? क्या क्या बदलाव इसमें किए जाएंगे और लोगों को किस प्रकार से रिलीफ देने का काम किया जाएगा ? इस बारे में पंजाब केसरी ने गुप्ता से विशेष बातचीत की। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : राइट टू सर्विस कमीशन की वर्किंग आखिर क्या है, कृपया सरल भाषा में समझाएं ?
उत्तर :
 हरियाणा सरकार ने 38 विभागों की 522 सेवाओं को नोटिफाई किया हुआ है और इन सेवाओं के लिए एक समय सीमा निश्चित की हुई है। इस कमीशन का यह दायित्व रहेगा कि यह सेवाएं जनता को तय समय सीमा में मिल रही हैं या नहीं। अगर नहीं मिलती तो उन लोगों के खिलाफ हमारे पास एक्शन लेने के प्रावधान हैं।

प्रश्न : ऐसी दशा में किस प्रकार की कार्यवाही आपके द्वारा संभव है ?
उत्तर : 
इसमें उनके ऊपर हम रोजाना 250 रुपए तक भी पेनल्टी लगा सकते हैं, जितनी वह देरी करेंगे। उस केस में 5000 रुपए तक पेनल्टी लगाई जा सकती है। दो स्टेट ऑफिसरो ने पिछले साल 5000-5000 की पेनल्टी काम में कोताही करने वाले लोगों पर लगाई भी थी और उन्होंने जमा भी करवा दी है। इसमें सजा का प्रावधान नहीं है। लेकिन कमीशन के पास सिविल कोर्ट की पावर है। किसी भी चीज को- डॉक्यूमेंट को हम सम्मन कर सकते हैं। परंतु कमीशन रिव्यू करके यह कोशिश करेगा कि सजा की जरूरत न पड़े। हर माह इसे रिव्यू किया जाएगा कि कौन सा विभाग-किस तरह से कितनी सर्विस प्रोवाइड कर रहा है। कितने आरटीएस की टाइम लाइन में प्रोवाइड कर रहा है। कितने आरटीएस के टाइम लाइन में नहीं प्रोवाइड कर रहा। हम उनके साथ में रिव्यू करेंगे तो उस स्थिति में आप देखेंगे कि काफी सुधार होगा।

प्रश्न : काउंटर चेकिंग का आपका फार्मूला क्या रहेगा ?
उत्तर : 
हमारे पास एक पोर्टल है। जिस पर ज्यादातर सेवाएं ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं। जैसे इस पर बिजली का कनेक्शन अप्लाई किया जा सकता है जो कि अप्लाई करने के 30 दिन के अंदर बिजली कनेक्शन मिलना जरूरी है। हमें यह देखना है कि कनेक्शन  तय समय सीमा में दिया गया है या नहीं। नहीं दिए जाने पर विभाग से इसका कारण पूछा जाएगा। इसी हिसाब से हुड्डा (एचएसवीपी) में बिल्डिंग प्लान अप्रूवल है। जिसके तय समय सीमा 21 दिन है। वह अप्लाई करने पर 21 दिन में नहीं मिली तो यह डाटा  कमीशन को उपलब्ध होगा और हम रिव्यू करेंगे। हम नजर रखेंगे कि कितनी सेवाएं-कितने समय में जनता को उपलब्ध हो रही है। कमीशन की यह भी कोशिश रहेगी कि जो इस समय सेवाएं ऑनलाइन पर उपलब्ध नहीं हैं उन्हें भी ऑनलाइन करवाया जाए। जिससे मॉनिटरिंग अच्छे तरीके से हो सके।

प्रश्न : कुछ जो सरकारी सेवाएं एक ही दिन में देनी होती हैं, क्या उन पर भी आपकी नजर बारीकी से रहेगी ?
उत्तर : 
सरकार की नोटिफाई सर्विसिज चाहे उन्हें 1 दिन में किया हुआ हो चाहे 15 दिन में या 30 दिन में हर एक पर नजर रखकर कमीशन रिव्यू करेगा और भरसक प्रयास करेगा कि उसी निर्धारित समय सीमा में मिले।

प्रश्न : हरियाणा की अधिकतर जनता राइट टू सर्विस कमीशन को नहीं जानती। क्या जागरूकता के लिए कैंपेन भी चलाया जाएगा ?
उत्तर : 
इसके बारे में पूरा अवेयरनेस कैंपेन चलाया जाएगा। जिले-जिले में मीटिंग की जाएंगी। उसके बाद जब भी सर्विस अप्लाई करेंगे तो जो मैसेज फोन पर जाएगा उसमें यह भी रहेगा कि सर्विस के तय समय सीमा में न मिलने पर इस तरीके से आप अपील कर सकते हैं।

प्रश्न : क्या सरकार को सुझाव देना भी आपके नियमों में है ?
उत्तर : 
कमीशन का यह भी एक अधिकार है कि यदि कोई भी प्रोसिजर कंबरसम हो या कोई प्रोसिजर इस प्रकार के हो, जिसमें जनता को वह सुविधा लेने में- सर्विस लेने में कोई कठिनाई आती हो तो उसे सिंपलीफाई करने के लिए हम सरकार को सुझाव दे सकते हैं।

प्रश्न : 34 साल के लंबे कार्यकाल में विभिन्न जिलों में उपायुक्त - महत्वपूर्ण पदों और महत्वपूर्ण विभागों के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रहे। क्या एक्सपीरियंस रहा ?
उत्तर : 
मेरा कैरियर बहुत संतोषजनक रहा। बतौर एसडीएम, एडीसी और 2 जिलों में उपायुक्त रहा हूं। इस दौरान बहुत अच्छी फिलिंग यह रही कि जनता को सर्विस दे सकते हैं। कुछ कठिन समय भी रहे। लोकसभा-विधानसभा चुनाव भी करवाए। 1995 में भिवानी और 2000 में गुड़गांव का उपायुक्त रहा। प्रिंसिपल सेक्रेट्री, एडीशनल चीफ सेक्रेट्री रहा। मेरा कैरियर संतोषजनक रहा है। बहुत खुशी इस बात की है कि जहां भी रहा सिस्टम में सुधार किया।

प्रश्न : पहले भी और अब भी हमेशा जनता के प्रति आपकी जवाबदेही रही है। आज कैसा चुनौतीपूर्ण समय मानते हैं ?
उत्तर : 
बड़ा चुनौतीपूर्ण समय है। यह देखना कि 38 विभागों की 522 सेवाएं केवल इस समय चीफ कमिश्नर और मेरे साथ हरदीप जी यहां मेरे साथ हैं। स्टाफ की थोड़ी कमी है। मॉनिटरिंग का हमारे पास चैलेंज है और किस तरह से इसे ऑनलाइन- मॉनिटरिंग करें, कैसे विभागों से मीटिंग करेंगे, यह समय चुनौतीपूर्ण तो है। लेकिन लोगों को पता लग जाएगा कि कमीशन किस प्रकार से लोगों की सेवा के लिए कार्य करता है।

प्रश्न : क्या राइट टू कमीशन को आप हाईटेक भी करेंगे ?
उत्तर : 
अभी सारी सेवाएं इसमें ऑनलाइन मोड में उपलब्ध नहीं है। हम प्रयास करेंगे कि सारी सेवाएं हमारी ऑनलाइन मोड में जल्द ही आ जाए। जिससे लोगों को सर्विस लेने में कोई कठिनाई न हो। हमें मॉनिटरिंग में कोई कठिनाई नहीं होगी। ऐसी दशा में कोई भी बहाना भी नहीं मार सकेगा कि इसकी दरखास्त देरी से आई थी या एप्लीकेशन में यह कमी रह गई थी। हमारे पास सारा डाटा उपलब्ध होगा कि इसने 20 दिन की अवधि वाले कार्य में 25 दिन लगाए या समय सीमा में किया।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)  

 

 

 

Content Writer

Manisha rana