11 जून को इतिहासकारों की समिति करेगी अंबाला के शहीदी स्मारक स्थल का दौरा: डॉ अमित अग्रवाल

5/28/2022 12:29:13 PM

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी):  हरियाणा के अंबाला में बन रहा आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के वीरों द्वारा दिखाए गए अदम्य साहस की गाथा को दर्शाएगा। हरियाणा में हुए संघर्षों, लडाईयों व घटनाओं को इस शहीदी स्मारक के संग्रहालय में विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। आगामी 11 जून को इतिहासकारों की समिति द्वारा आजादी की पहली लडाई का शहीदी स्मारक स्थल का विशेष रूप से दौरा किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक और ऐतिहासिक तथ्यों की पुष्टि के लिए गठित इतिहासकारों की छह सदस्यीय समिति के संयोजक डॉ. अमित अग्रवाल ने आज नई दिल्ली में हरियाणा भवन मे समिति की प्रथम बैठक की।

बैठक में अंबाला में स्थापित किए जा रहे 'आजादी की पहली लडाई का शहीदी स्मारक' के संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाने वाले ऐतिहासिक तथ्यों की सत्यापन व पुष्टी प्रक्रिया के संदर्भ में समिति के सदस्यों के साथ विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया गया। डॉ अमित अग्रवाल ने कहा कि ऐतिहासिक विवरणों को बेहतर रूप से प्रस्तुत व प्रदर्शित किए जाने की दिशा में इस संग्रहालय को अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त बनाया जाएगा, ताकि न केवल हरियाणावासी बल्कि देश व दुनिया से आने वाले लोगों को भी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा की भूमिका की संपूर्ण जानकारी मिल सके। डॉ अग्रवाल ने ऐतिहासिक विवरणों को संग्रहालय में प्रभावी व आकर्षक रूप से प्रदर्शित किए जाने की दिशा में वर्तमान में संग्रहालयों में प्रयोग हो रही आधुनिक तकनीकों को उपयोग किए जाने की प्रकिया पर भी परामर्शदाताओं के साथ विचार-विमर्श किया।

अंबाला में 22 एकड में बन रहा है 'आजादी की पहली लडाई का भव्य शहीदी स्मारक'
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के अंबाला में 22 एकड भूक्षेत्र में 300 करोड रुपये की लागत से स्थापित किए जा रहे 'आजादी की पहली लडाई का शहीदी स्मारक' का लगभग 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्ष 1857 में हुए भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम  के दौरान हुए संघर्षो,लडाईयों व घटनाओं को प्रदर्शित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग से युक्त एक संग्रहालय स्थापित किया जा रहा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं को सही रूप में प्रस्तुत किए जाने की दिशा में दृश्य,श्रव्य,ध्वनि व प्रकाश आदि की अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

इस बैठक में भारतीय इतिहास परिषद अनुसंधान के अध्यक्ष डाॅ राघवेन्द्र तंवर, प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर कपिल कुमार, राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान की निदेशक व उप कुलपति प्रोफेसर अनुपा पांडेय, मिलिट्री इतिहास की पुस्तकों के लेखक कर्नल (सेवानिवृत्त) योगेंद्र सिहं, भारतीय राष्ट्रीय संग्रहालय के अभिलेखाधिकारी डाॅ देवेंद्र कुमार शर्मा व सनातन धर्म महाविद्यालय इतिहास विभाग, अम्बाला के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ उदयवीर मौजूद रहे।
 

Content Writer

Isha