आम इंसान तो क्या अब महिला पुलिसकर्मी भी नहीं है हवस के भेडियों से महफूज (VIDEO)
9/9/2018 3:01:00 PM
पलवल(दिनेश कुमार): देश की सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी दावे करें लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि मोदी-मनोहर कि सरकार में अब महिला पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदेश के हर जिले में महिला थाने भी खोले गए हैं। लेकिन इन थानों में कार्यरत महिला पुलिसकर्मी भी हवस से भेडियों से नहीं बच पा रही हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला पलवल के महिला थाने में सामने आया है जहां एक महिला पुलिसकर्मी के साथ चाकू की नोक पर पहले तो गैंगरेप किया गया। उसके बाद मामले को दबाने के लिए आरोपियों के सगे-संबंधियों द्वारा पीडि़ता के साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी भी दी गई।
जिनके भय से पीडि़त महिला पुलिसकर्मी हवस के भेडियों के गुनाहों को पिछले चार वर्ष से सहती आ रही थी। महिला थाना प्रभारी कमला देवी के अनुसार उनके थाने में हैड कांस्टेबल के पद कार्यरत 32 वर्षीय महिला पुलिस कर्मी ने शिकायत दर्ज कराई है कि वर्ष 2014 में उसकी ड्यूटी महेंद्रगढ़ जिले के नारनोल में थी। बस में आते-जाते समय पीडिता की जान-पहचान पलवल के गांव अलावलपुर निवासी जोगेंद्र उर्फ मिंटू से हो गई। पीडि़ता का आरोप है कि गत 15 जून वर्ष 2014 को जोगेंद्र ने उसके साथ दुष्कर्म किया था और किसी को बताने पर जान से मारने व समाज में बदनाम करने की धमकी दी।
जिसके कुछ वर्ष बाद पीडि़ता का तबादला पलवल के महिला थाने में हो गया और वह पलवल की एक कालोनी में किराये पर रहने लगी। यहां पर भी पीडि़ता महिला पुलिसकर्मी को आरोपी अपनी हवश का शिकार बनाता रहा। एक दिन आरोपी के भाई तोशराज ने भी चाकू के बल पर पीडि़ता को अपनी हवश का शिकार बनाया। पीडि़ता ने जब विरोध करना चाहा तो आरोपी व उनके सगे संबंधी बहन प्रीति, जीजा पप्पू व एक साथी नरेंद्र ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
आरोपियों के गुनाहो से तंग आकर पीडि़ता ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत के आधार पर उसका मेडिक़ल प्रशिक्षण कराया और दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है। लेकिन अभी तक पुलिस किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नही कर पाई है।