कंप्यूटर शिक्षकों का एेलान, 10 अगस्त से शुरू करेंगे आमरण अनशन

8/1/2018 1:03:16 PM

चंडीगढ़(धरणी): पिछले  66 दिन से पंचकूला स्थित शिक्षा सदन के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कंप्यूटर टीचर्स ने अब आंदोलन को तेज करने का फैसला ले लिया है। पिछले दो महीनों में सड़क पर उतर कई बार प्रदर्शन करने के बाद भी अभी तक सरकार के समस्या समाधान की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जबकि प्रदर्शन के दौरान पंचकूला प्रशासन की तरफ से प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज का प्रयोग जरूर किया जा चुका है। गौरतलब है पिछले साल 20 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कंप्यूटर टीचर्स का वेतन बढ़ाने का फैसला लिया था। 

फैसले के अनुसार वर्तमान में कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों का वेतन 10 हजार से बढ़ाकर पीआरटी स्केल के बराबर किया गया था जो पहली जनवरी 2018 से लागू किया जाना था। मगर अभी तक वेतन बढ़ाने के आदेश जारी ना होने के चलते प्रदेश के 2200 कंप्यूटर शिक्षकों ने आगामी 10 अगस्त से स्कूलों से बहिष्कार कर आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय ले लिया है। संघ के महासचिव राजीव सैनी ने बताया सरकार अपने ही लिए निर्णय लागू नही कर पा रही बाकी मांगों पर फैसला तो अभी दूर की बात है। उन्होंने बताया दो महीनों में जब भी कंप्यूटर टीचर्स ने अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई तो सरकार द्वारा हर बार लाठीचार्ज और वाटर कैनन से हमारी आवाज को दबाने का काम किया।

कंप्यूटर शिक्षकों के 3216 पद हुए स्वीकृत :- 
पिछले कई वर्षों से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तकनिकी शिक्षा देने का कार्य निजी कंपनियों के माध्यम से करवाया जा रहा था मगर इसके परिणाम बेहतर नही मिल पाए। वर्तमान में कार्यरत कंप्यूटर टीचर्स की सेवा प्रदाता निजी कंपनियों के अनुबंद्ध को वर्ष 2015 में समाप्त कर दिया गया जिसके बाद कंप्यूटर शिक्षकों को सीधा अनुबंद्ध आधार पर शिक्षा विभाग के माध्यम से रखा गया है। लेकिन अभी तक ये शिक्षक बिना स्वीकृत पद पर ही कार्य कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग की तरफ से कंप्यूटर टीचर्स के 3216 पद इसी वर्ष स्वीकृत किये जा चुके है जिनका पदनाम भी बदलकर असिस्टेंट टीचर ( कंप्यूटर साइंस ) रखा गया है। कंप्यूटर शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बलराम धीमान ने बताया सरकार द्वारा जो पद स्वीकृत किये गए है उनकी योग्यता वर्तमान में सभी कंप्यूटर टीचर्स पूरी करते है। धीमान ने बताया वर्ष 2013 में कंप्यूटर टीचर्स का चयन शिक्षा विभाग द्वारा लिखित परीक्षा और विभाग द्वारा ही तय मेरिट के आधार पर एक पारदर्शी तरीके से किया गया था । इसलिए सरकार को हमारी चयन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए हमें स्वीकृत पदों पर समायोजन के तहत नियुक्ति देनी चाहिए।
 

पहले भी भर्ती को लेकर कोर्ट में लटका था मामला 
वर्ष 2016 में शिक्षा विभाग द्वारा कंप्यूटर टीचर्स को हटाकर नए सिरे से 3600 पदों पर भर्ती निकाली थी जिसे लेकर शिक्षकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। चूंकि उस वक़्त कार्यरत कंप्यूटर टीचर्स अनुबंद्ध के आधार पर कार्य कर रहे थे और नई भर्ती भी अनुबंद्ध आधार पर की जानी थी इसलिए हाई कोर्ट ने शिक्षकों के हक़ में फैसला देते हुए भर्ती को रोक दिया था।

Deepak Paul