अनशन पर बैठे कंप्यूटर टीचर्स ने सीएम के नाम खून से लिखा पत्र

8/22/2018 4:46:23 PM

पंचकूला(धरणी):कंप्यूटर शिक्षकों को आमरण अनशन पर बैठे 13 दिन और धरने पर बैठे 87 दिन हो चुके हैं। बावजूद इसके सरकार ने अभी तक उनकी मांगो को नहीं माना है। धरने पर बैठे कंप्यूटर शिक्षकों ने आज सरकार को खून से पत्र लिखकर अपनी मांगे सरकार के सामने रखी। 

कंप्यूटर टीचरों के प्रधान बलराम धीमान ने बताया कि आमरण अनशन पर बैठे हमें 13 दिन और अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे 87 दिन हो चुके हैं। सरकार के सभी नुमाइंदे रामविलास, ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टेन अभिमन्यु , अनिल विज 2014 में जब इलैक्शन का दौर था हमारे पास जंतर मन्त्र पर आए और आश्वाशन दिया की जब हमारी सरकार आएगी तब पहली कलम से पक्का किया जाएगा।



उन्होंने कहा कि 20 दिसम्बर 2017 को माननीय मुख्यमंत्री ने कम्प्यूटर टीचरों के वेतन को पीआरटी स्केल 21715 करने का निर्णय लिया जो एक जनवरी 2018 से लागू होना चाहिए था। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री जी प्रत्येक रैली में कहते है की हम मैरिट के आधार पर नौकरियां दे रहे हैं, हम भी तो मैरिट के आधार पर लगे हैं सरकारी एजेंसी ने हमारी लिखित परीक्ष ली और शिक्षा विभाग के अधिकारियो ने हमारा चयन किया। इसके बावजूद भी हमें धरने प्रदर्शन करने पड़ रहे है जबकि हम सभी टम्र्स और कंडीशन को पूरा कर रहे हैं।



बलराम धीमान ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो हमारा धरना एक राजनैतिक मोड़ ले लेगा हम उसी पार्टी को वोट देकर सत्ता में लाएंगे जो हमें पक्का कर हमारी मांगे मानेगी। उन्होंने यह भी कहा की की अगर बीजेपी ऐसा करती है तो बीजेपी को भी दोबारा सत्ता में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कल हमारी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश कुमार खुल्लर से हमारी बात हुई जिसके बाद हमने अपनी मांगे उनके सामने रखी। इसके बाद खुल्लर ने कहा कि आपकी मांगो को लेकर सीएम विचार करेंगे। बलराम ने कहा किकल की मीटिंग भी बेनतीजा रही। हमें आशा है कि माननीय मुख्यमंत्री मनोहरलाल जी हमारी मांगो को पूरा करेंगे। 

धरने पर अपने बच्चो से मिलने आई बुजुर्ग महिला और बलराम धीमान की मां केशो देवी ने कहा कि वह धरने पर बैठे अपने बेटे से मिलने आई हैं। सभी धरने पर बैठे लोग उनके बच्चे ही हंै जो बे मौत मर रहे हैं। उन्होंने कहा की सरकार को इनकी बात मान लेनी चाहिए। 

धरने पर बैठे राजीव ने कहा कि आमरण अनशन के तरह दिन और धरने के 87 दिन होने के कारण हमारे आठ साथियों की तबियत बिगड़ती जा रही है इसके बावजूद भी सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। राजीव ने कहा की सरकार मैरिट के आधार पर नौकरी देने का ढिंढोरा पीट रही है।

Shivam