कांग्रेस सरकार ने हड़पी थी किसानों की जमीन, SC ने दिए वापस करने के आदेश

11/2/2017 4:40:38 PM

सोहना (सतीश): सुप्रीम कोर्ट ने देर से ही सही पर किसानों के हित में अहम ऐलान किया है। साल 2009 में कांग्रेस सरकार के समय किसानों की जमीन को हथियाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए और हथियाई गई जमीन को लौटाया जाए। इस फैसले से पीड़ित किसानों को राहत मिली है जिससे वह काफी खुश हैं।



सुप्रीम कोर्ट ने यह स्वीकार किया कि, सरकार ने बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों की जमीन को सस्ते दामों पर खरीदा है। मामले में यह खुलासा हुआ कि, सरकार ने केवल उस जमीन को हड़पा था जिनके मालिक किसानों ने अपनी जमीन बिल्डरों को नहीं बेची थी, सरकार ने बिल्डरों की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया।

क्या है पूरा मामला?
एडवोकेट देवदत्त शर्मा ने बताया कि, 2009 कांग्रेस सरकार के समय गांव उल्लावास, मेदावास, घाटा ,तिगरा, बादशाहपुर, कादरपुर व बहरामपुर की 14 व 73 एकड़ जमीन को सेक्शन 4 का नोटिस दिया गया। वहीं 2010 में 870 एकड़ जमीन के मालिकों को एक सैक्शन 6 का नोटिस दिया गया। 2012 में सरकार में जिन किसानों ने अपनी जमीन बिल्डरों को नहीं बेची उस 87 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया, वहीं जो जमीन बिल्डरों ने ली उसे अधिग्रहण नहीं किया गया।



सुप्रीम कोर्ट ने माना कि सरकार ने बिल्डरों के साथ के साथ मिलकर किसानों के साथ अन्याय किया है। किसानों की बेशकीमती जमीन को बिल्डरों को सस्ते दामों पर मुहैया कराई गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि, जिन किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है, उनकी जमीन को रिलीज कर दिया जाए वहीं पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए हैं। 6 महीने के अंदर इस मामले की रिपोर्ट जमा करने की भी बात कही है।