कांग्रेसी नेताओं को रास नहीं आ रही पार्टी की एकता

3/28/2019 10:22:08 AM

फरीदाबाद (महावीर):  प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी पिछले कई वर्षों से चर्चा का विषय बनी रही है। इस गुटबाजी को खत्म करने के लिए कांग्रेस हाईकमान द्वारा समन्वय समिति के माध्यम से गुटों में बंटी हरियाणा कांग्रेस को एकजुट करने का प्रयास किया गया है। इतना ही नहीं, गुटों में बंटी कांग्रेस एक बस में सवार होकर हरियाणा के दौरे पर भी है। इस बस यात्रा में जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मौजूद हैं वहीं कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर, सी.एल.पी. लीडर किरण चौधरी, कैप्टन अजय यादव, कुमारी शैलजा भी इस परिवर्तन यात्रा में शामिल हैं।

वहीं ऐसा लग रहा है कि कांग्रेसियों को ही कांग्रेस की यह एकजुटता रास नहीं आ रही है क्योंकि कांग्रेस की एकजुटता से उन्हें अपना विधानसभा का टिकट खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। दरअसल हर गुट के नेता ने अपने-अपने समर्थकों को विधानसभा का टिकट दिलाने का आश्वासन दे रखा है।

मंगलवार को गुरुग्राम से शुरू हुई कांग्रेस परिवर्तन बस यात्रा के दौरान अनेक नेताओं के चेहरे मायूस नजर आए। इतना ही नहीं, जैसे-जैसे बस यात्रा आगे बढ़ी वैसे-वैसे अलग-अलग धड़ों के विधानसभा स्तर के नेताओं की कई प्रकार की टिप्पणियां भी सुनने को मिलीं। दरअसल विधानसभा चुनावों की इच्छा रखने वाले यह नेता अपने आका को छोड़ दूसरे नेताओं पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। इसके साथ-साथ जिला स्तरीय कांग्रेसी नेता इस परिवर्तन बस यात्रा को बेमतलब की कसरत करार दे रहे हैं। यही कारण है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अशोक तंवर को छोड़ अन्य नेताओं के कार्यकत्र्ताओं की फौज नजर नहीं आ रही है।

धड़ों में बंट चुकी हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार मौजूद हैं वहीं अधिकतर सीटों पर अशोक तंवर ने भी अपने उम्मीदवार तैयार किए हुए हैं। इसके अलावा रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने भी प्रदेश में अनेक विधानसभा सीटों पर अपने समर्थकों को थपकी दे रखी है। किरण चौधरी व कुमारी शैलजा की भी यही स्थिति है। उधर कुलदीप बिश्रोई व कैप्टन अजय यादव भी अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के नाम पर रोके हुए हैं। कांग्रेस की एकजुटता के प्रयास के बाद धड़ों में बंटी कांग्रेस के दिग्गजों के जिला स्तरीय समर्थक नेताओं में अपनी विधानसभा से उन्हें टिकट न मिलने का खतरा मंडराने लगा है।

हरियाणा की ऐसी कई विधानसभा सीटें हैं जहां से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अशोक तंवर, कुलदीप बिश्रोई के समर्थक भी मजबूत दावेदार हैं वहीं रणदीप सिंह सुर्जेवाला के समर्थक भी टिकट की प्रबल दावेदारी जता रहे हैं। इन परिस्थितियों में यदि गुटबाजी खत्म हो जाती है तो टिकटों के वितरण के समय अपने-अपने आकाओं से टिकट मांगने वाले विधानसभा अनुसार टिकट के दावेदार अपनी पैरवी के लिए दबाव नहीं बना पाएंगे क्योंकि टिकटाॢथयों को आभास हो रहा है कि उनकी टिकट प्रदेश के नेताओं के आपसी समझौते की कहीं भेंट न चढ़ जाए। वहीं दूसरी तरफ जो पार्टी के समॢपत कार्यकत्र्ता हैं जो किसी गुट की बजाय पार्टी से जुड़े हुए हैं, वे इस यात्रा से काफी खुश नजर आ रहे हैं। 

Shivam