धरने दे रहे PTI टीर्चस को मिलने पहुंचे कांग्रेस विधायक आफताब अहमद, सरकार पर जमकर के प्रहार

6/23/2020 5:04:34 PM

नूह मेवात(एे.के बघेल): लघु सचिवालय नूह के सामने पिछले 13 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हटाए गए पीटीआई टीर्चस को सोमवार को स्थानीय विधायक आफताब अहमद ने अपना समर्थन देते हुए सरकार से नौकरी बहाली की मांग की । आफताब अहमद ने केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि यह सरकार कर्मचारी विरोधी है । जितने लोगों को इस सरकार ने नौकरी नहीं दी , उससे कहीं ज्यादा लोगों को नौकरी से बाहर निकाल दिया । कोरोना काल में लोग आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं। ऐसे हालात में भी प्रदेश के 1983 पीटीआई टीचर को बाहर का रास्ता दिखा दिया। विधायक आफताब अहमद बोले कि कांग्रेस हटाए गए पीटीआई के साथ है । सरकार को इन्हें दोबारा नौकरी पर रखना चाहिए ।
 
आफताब अहमद ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार लोगों की जेब पर डाका डाल रही है। डीजल -  पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं । यह आलम तब है जब कच्चे तेल की कीमतों में इस समय भारी गिरावट है। उन्होंने सरकार को पूरी तरह फेल बताया और कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से इन पीटीआई के साथ खड़ी है । जहां भी , जैसे भी आवाज उठानी पड़ेगी कांग्रेस इससे पीछे नहीं हटेगी । इसके अलावा धरना दे रहे पीटीआई अध्यापक ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ने उनके साथ गलत व्यवहार किया है । सरकार अगर चाहे तो उन्हें फिर से नौकरी पर रखा जा सकता है । करीब 10 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद हटाए गए पीटीआई अध्यापकों के परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है । 

1983 पीटीआई प्रदेश भर से हटाए गए हैं, जिनमें कई महिला पीटीआई विधवा हो चुकी हैं । ऐसे में अगर उन्हें नौकरी पर दोबारा नहीं रखा जाता है , तो उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।  आफताब अहमद सोमवार को जैसे ही धरना दे रहे पीटीआई अध्यापकों के बीच पहुंचे तो पीटीआई ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । नाराज पीटीआई अध्यापकों ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भी आड़े हाथों लेते हुए भाजपा -  जजपा सरकार की जमकर आलोचना की।

आपको बता दें कि सुप्रीम फैसले के बाद प्रदेश से हटाए गए 1983 पीटीआई अध्यापक अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। नूह जिले से हटाए गए 29 अध्यापक लघु सचिवालय परिसर नूह के समीप अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं । जिससे बीजेपी - जेजेपी गठबंधन सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Isha