कोरोना मामले में कांग्रेस का पहले दिन से रहा नकारात्मक व्यवहार: कंवरपाल गुर्जर

6/2/2021 8:30:38 AM

चंडीगढ़ (धरणी) : नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा सर्वदलीय मीटिंग बुलाए जाने की मांग पर करारा जवाब देते हुए शिक्षा व पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा है कि कोरोना के मामले में कांग्रेस का पहले दिन से ही नकारात्मक व्यवहार रहा। जब माननीय प्रधानमंत्री ने देश का हौसला बढ़ाने के लिए थाली और ताली बजाने की अपील की तो इन्होंने कहा वैक्सीन बनानी चाहिए थी न की थाली और ताली बजवानी चाहिए।

जब वैक्सीन बनी तो इन्होंने वैक्सीन पर प्रश्नचिह्न लगा दिए कहा कि अभी पूरे टेस्ट नहीं हुए। कुछ ने कहा हम वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। कुछ ने कहा वैक्सीन नुकसानदायक है,  नहीं लगवानी चाहिए। यानि यह नकारात्मक बातें करते रहे। वही बात यह आंदोलन पर कर रहे हैं। इनके कहने से आंदोलन खत्म हो या न हो लेकिन इन्हें कोरोना काल के दौरान आंदोलन को खत्म करने की अपील जरूर करनी चाहिए थी। क्योंकि इस आंदोलन के कारण बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग- मास्क अति आवश्यक है। लेकिन आंदोलन में इसकी कोई परवाह नहीं की जा रही।

हालांकि गुर्जर ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कुछ बयानों का स्वागत भी किया।उन्होंने कहा कि जब पूरी कांग्रेस धारा 370 तोड़ने का विरोध कर रही थी तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसे अच्छा काम बताया था। जब गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया तो उन्होंने इसका भी समर्थन किया। हम अच्छी बात का स्वागत करते हैं। लेकिन पूरे कोरोना काल में पूरी कांग्रेस का रवैया ठीक नहीं रहा। गुर्जर ने कहा कि प्रजातंत्र का मतलब है संवाद। अगर मुख्यमंत्री या मंत्रियों के प्रोग्रामों का विरोध करके संवाद बंद करने की कोशिश करोगे तो कल दूसरे लोग किसी और का संवाद बंद करेंगे। यह बातें हैं लोकतंत्र के खिलाफ हैं।

लोकतंत्र की वजह से हम सभी चुनकर आए हैं। चाहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल हो, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा हो या कुमारी शैलजा हो। जो भी बड़े-बड़े पदों पर पहुंचा सभी प्रजातंत्र के कारण पहुंचे। उस सिस्टम को ही कुछ लोग तहस-नहस करने पर लग जाए तो कम से कम राजनीतिक पार्टियों को उसका विरोध करना चाहिए। चाहे आपकी बात न मानी जाए। लेकिन राजनीतिक दलों को कम से कम अपनी जुबान तो खोलनी चाहिए। अगर गलत को गलत नहीं कहेंगे तो इसका मतलब आप गलत की सपोर्ट कर रहे हैं।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने टैब बांटने की महत्वाकांक्षी योजना के बारे में बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से सैंक्शन आ चुकी है। 500 करोड़ से ज्यादा का बजट पास हुआ है। 8 लाख 6 हजार बच्चों को जल्द टैब देने के लिए जल्द ही टेंडर हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि बाहरवीं कक्षा सबसे महत्वपूर्ण कक्षा है और सभी रास्ते यहीं से खुलते हैं। इसलिए इसकी परीक्षा होनी जरूरी है। जिसके लिए कई केंद्रीय व केंद्रीय राज्य मंत्रियों द्वारा देश के सभी शिक्षा मंत्रियों से राय मांगी गई थी। जो कि अधिकतर शिक्षा मंत्रियों ने परीक्षा लेने की बात पर सहमति जताई। केंद्र सरकार जो आदेश करेगी उसके पालना की जाएगी और अगर केंद्र राज्यों पर छोड़ती है तो मैं विश्वास दिलाता हूं कि जल्द ही हम पेपर करवाएंगे।

 साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण हमने बच्चों के एडमिशन व अन्य कामों के लिए 50 फ़ीसदी स्टाफ बुलाने का फैसला किया है। बाकि आधा स्टाफ छुट्टी पर रहेगा। गुज्जर ने ऑनलाइन ट्रांसफर को भी बेहतरीन कदम बताया। उन्होंने कहा कि पहले ट्रांसफर को लेकर भ्रष्टाचार और धक्का-मुक्की रहती थी। जिसमें कमी आई है। 95 फ़ीसदी अध्यापक ऑनलाइन ट्रांसफर से संतुष्ट है। लेकिन कुछ एक-दो फ़ीसदी जिनकी मर्जी के ट्रांसफर नहीं हो रही। उन लोगों को कुछ दिक्कत हो रही है। लेकिन यह प्रदेश और अध्यापकों और बच्चों के भविष्य के हित में है।

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Content Writer

Manisha rana