‘गुलाबी पगड़ी’ की रणनीति पर रहेगी कांग्रेस हाईकमान की नजर

4/22/2018 10:43:03 AM

अम्बाला(नरेन्द्र वत्स): कांग्रेस हाईकमान पर मजबूत पकड़ के कारण लगातार 10 साल तक सी.एम. रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने समर्थक विधायक व पार्टी पदाधिकारियों के साथ 25 अप्रैल को अपने निवास पर बैठक करने जा रहे हैं। बैठक रैली से जुड़ी होने के कारण पार्टी हाईकमान की इस पर ‘खास’ नजर रहेगी। इस रैली में भीड़ जुटाने के लिए पार्टी हाईकमान ने सभी को बराबर रखा है, जिससे हुड्डा खेमा नाराज नजर आ रहा है। 

सी.एम. पद पर रहते हुड्डा की टांग खिंचाई करने वाले कांग्रेसियों की कोई कमी नहीं थी। मंत्रिमंडल में फेरबदल से लेकर मंत्रियों के विभागों के बदलाव तक के निर्णय हुड्डा ने खुलकर लिए। उनके विरोधी लगातार पार्टी हाईकमान के समक्ष अपना ‘रोना रोते रहे’ परंतु हाईकमान ने हुड्डा के निर्णय बदले नहीं। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनावों से पहले हुड्डा विरोधी खेमे के कई कांग्रेसी नेता पार्टी की सरकार बनने पर सी.एम. पद हासिल होने के दावे करते रहे लेकिन दोबारा कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी पार्टी हाईकमान ने हुड्डा को ही सी.एम. पद पर बैठा दिया। 

हुड्डा का विरोध करने वाली किरण चौधरी ही ऐसी नेत्री रही थीं, जिन्होंने सी.एम. की ओर से पद वापस लेने के बाद हाईकमान से फिर से पद वापस पा लिया था। हुड्डा ने विरोध के स्वर मुखर करने वाले कैप्टन अजय सिंह यादव की डिमोशन करते हुए उन्हें वित्त मंत्री से बिजली मंत्री बना दिया था। वे किरण की तरह पद वापस पाने के लिए हाईकमान के समक्ष खूब फरियाद लगाते रहे, परंतु हाईकमान ने उनकी एक नहीं सुनी। चौ. बिरेंद्र सिंह से लेकर राव इंद्रजीत सिंह तक जैसे नेता हुड्डा का खुलकर विरोध करने के बावजूद उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाए। हाईकमान पर मजबूत पकड़ के कारण ही हुड्डा ने कभी भी विरोधी कांग्रेसियों की कोई परवाह ही नहीं की।

गत विधानसभा चुनावों के बाद भी पार्टी हाईकमान पर हुड्डा की पकड़ कमजोर नहीं हुई थी। वाड्रा लैंड डील और मानेसर भूमि घोटाला सामने आने के बाद से हुड्डा की पकड़ हाईकमान पर कमजोर पडऩे लगी है खासकर हुड्डा के खिलाफ सी.बी.आई. की चार्जशीट दायर होने के बाद हुड्डा हाईकमान का साथ हासिल करने में विफल रहे। उनके लिए प्लस प्वाइंट यह है कि करीब एक दर्जन कांग्रेसी विधायक उनके साथ हैं। यह विधायक लगातार पार्टी हाईकमान पर हुड्डा को प्रदेशाध्यक्ष बनाने का दबाव डाल रहे हैं लेकिन हाईकमान फिलहाल उनकी सुनने को तैयार नहीं। कांग्रेस में जैसा चल रहा है उससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि हाईकमान पर मजबूत पकड़ के मामले में रणदीप सुर्जेवाला, अशोक तंवर और किरण चौधरी आगे हैं। 

अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 29 अप्रैल को दिल्ली में रैली करने जा रहे हैं। हरियाणा के कांग्रेसी नेताओं को रैली में 50 हजार लोग ले जाने का टारगेट दिया गया है। दिल्ली में होने वाली रैलियों में हुड्डा का बड़ा योगदान रहता है। रैली को लेकर हरियाणा प्रभारी कमलनाथ प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक ले चुके हैं। बैठक में हुड्डा समर्थकों ने यह बात उठाई थी कि रैली को सफल बनाने के लिए हरियाणा में कमान हुड्डा को सौंपी जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हुड्डा समर्थक रैलियों में अपनी ताकत दिखाने के लिए गुलाबी पगड़ी का इस्तेमाल करते रहे हैं। इस बार हाईकमान ने उस पर भी रोक लगा दी है। अब हुड्डा ने रैली को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए 25 अप्रैल को अपने दिल्ली निवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। देखना यह होगा कि इस बैठक में किस तरह की रणनीति तैयार होगी। 
 

Deepak Paul