8 साल बाद आया उपभोक्ता फोरम का फैसला, अस्पताल की चिकित्सक पर लगाया लाखों का जुर्माना

5/5/2017 2:32:59 PM

रेवाड़ी (मोहिंदर भारती):लगभग 8 वर्ष पहले उपचार के दौरान हुई गर्भवती महिला नीतू कटारिया की मौत के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने निजी अस्पताल की लापरवाही मानी है। मृतका के पति द्वारा जिला उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की गई थी। इस मामले में डॉ. मित्रा सक्सेना अस्पताल व यूनाइडेट इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को पक्षकार बनाया था। उपभोक्ता फोरम ने पक्षकारों पर 8 लाख का हर्जाना लगाया है। हर्जाना राशि मृतका के परिजनों को देनी होगी। 

2009 का है मामला
मृतका नीतू के परिजन के अनुसार वर्ष 2009 में इनकी पुत्रवधु को गर्भावस्था में रेवाड़ी  निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां उसका लम्बा इलाज चला, लेकिन डिलीवरी के ऐन मौके पर अस्पताल की संचालिका महिला चिकित्सक ने उसे गुड़गांव रैफर कर दिया, जहां उसकी हालात बिगड़ गए और जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। 

उसके बाद उन्होंने न्यायलय में उपरोक्त चिकित्सक के खिलाफ केस कर दिया।

जिसका उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाते हुए उपरोक्त चिकित्सक पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है, लेकिन इन्हें पैसा नहीं न्याय चाहिए। इंसाफ के लिए अब उच्च न्यायलय से उम्मीद।