भारत को विश्वगुरु बनाने में योगदान दें शिक्षक: आर्य

9/6/2018 10:57:33 AM

चंडीगढ़(पांडेय): हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति में शिक्षकों का सदैव सम्मान किया जाता रहा है। देश में प्राचीनकाल से ही गुरु का पद सर्वोच्च रहा है। आर्य आज शिक्षक दिवस पर राजभवन में आयोजित राज्य शिक्षक पुरस्कार समारोह में शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्यभर के 32 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि आप समाज के प्रकाश स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा कि गुरु और शिष्य का पारस्परिक रिश्ता भी प्राचीनकाल से ही अत्यंत पावन और प्रगाढ़ रहा है। संत कबीर ने गुरु-महिमा का वर्णन करते हुए कहा है कि ‘गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय, बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।’

राज्यपाल ने कहा कि गुरुओं द्वारा दी गई श्रेष्ठ शिक्षा के ही परिणामस्वरूप कभी भारत को विश्वगुरु का दर्जा प्राप्त था। इतिहास साक्षी है कि हमारे नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए पूरे संसार से विद्यार्थी आते थे। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे भारत को फिर विश्वगुरु बनाने में योगदान दें। उन्होंने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा.सर्वपल्ली राधाकृ ष्णन को श्रद्धांजलि अापूर्ति करते हुए कहा कि वे महान शिक्षक, चिंतक, दार्शनिक और विद्वान थे। उन्होंने शिक्षकों के सम्मान में अपना जन्मदिन ही समर्पित कर दिया।

वे जानते थे कि शिक्षक समाज का वह अंग है, जो भावी पीढ़ी का निर्माण करता है। शिक्षक ही समाज को राजनेता, समाजनेता, प्रशासक, विज्ञानवेत्ता, सैनिक, तकनीशियन आदि देते हैं। इसी आवश्यकता को पहचानते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2000-2001 में ‘सर्व शिक्षा अभियान’ की शुरूआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना था। हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल ने राज्यपाल का अभिनंदन करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। 
 

Deepak Paul