निवेश व विदेशी दौरों को लेकर खट्टर व हुड्डा के बीच दिखी तकरार

5/30/2017 10:41:42 AM

चंडीगढ़ (बंसल):हरियाणा में निवेश और विदेशी दौरों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच बहसबाजी देखने को मिल रही है। हुड्डा का आरोप है कि विदेशी दौरों पर प्रदेश का पैसा व्यर्थ बहाया जा रहा है, हजारों करोड़ रुपए के निवेश लाने का दावा पूरी तरह खोखला है। धरातल पर पिछले अढ़ाई साल से कोई निवेश नहीं आया है। 

सच्चाई तो ये है कि पिछले अढ़ाई वर्षों से भाजपा की खट्टर सरकार केवल एम.ओ.यू. साइन करने विदेश जाती है और नतीजा शून्य ही रहता है। वही मुख्यमंत्री ने विदेश से लौटते ही कहा था कि वह विदेश में घूमने-फिरने नहीं, बल्कि निवेश लाने के लिए गए थे। अगर घूमना-फिरना होता तो फिर 5 दिन की यात्रा क्यों, ज्यादा दिन का कार्यक्रम बनाते। हुड्डा ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रतिवर्ष औसत मात्र 9 परियोजनाएं ही लग पाईं जिनमें लगभग 335 करोड़ रुपए का निवेश हो सका। जबकि, हमारी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में प्रति वर्ष औसतन 41 परियोजनाएं लगीं और हर साल 2581 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। 

हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार का आधे से ज्यादा का कार्यकाल बीत चुका है और इस दौरान मुख्यमंत्री तीन बार विदेश गए और वहां 14 एम.ओ.यू. साइन होने की बात बताई गई। पहले के साइन एम.ओ.यू. में से एक भी धरातल पर उतरकर युवाओं को रोजगार नहीं दे सका। ताजा विदेश दौरे में 18 हजार करोड़ के 5 एम.ओ.यू. साइन होने तथा 10 हजार रोजगार पैदा होने का दावा किया जा रहा है। जबकि पिछले अढ़ाई साल में इस सरकार ने हरियाणा के 42000 लोगों का रोजगार पहले ही छीन लिया है। 

झूठी वाहवाही लूटने में लगी सरकार
हुड्डा ने कहा कि कोई भी उद्योग लगेगा तो उसके लिए सबसे पहले जमीन की जरूरत होगी। हवा में तो उद्योग लगेगा नहीं और उद्योगों के लिए जमीन उपलब्ध करवाए बिना ही ये सरकार सिर्फ दिखावे और झूठी वाहवाही लूटने के लिए एम.ओ.यू. साइन किए जा रही है।  नए उद्योगों के लिए जमीन की कमी बारे मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि जमीन के मामलों में पहले लोग फंस चुके हैं, लेकिन वह इस मामले से दूर हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों को जमीन उपलब्ध करवाने के लिए पंचायती जमीन को बोली के माध्यम से लीज पर दिया जाएगा।