Coornavirus Lockdown: अस्थाई शैल्टरों पर रुकने को तैयार नहीं प्रवासी मजदूर

3/31/2020 12:45:48 PM

फरीदाबाद (महावीर गोयल): जिले की सीमाएं सील होने के बाद प्रवासी मजदूरों का पलायन तो रुक गया लेकिन प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रशासन द्वारा बनाए गए अस्थाई शैल्टरों में प्रवासी श्रमिक रुकने को तैयार नहीं है। दरअसल, शहर के अधिकतर प्रवासी श्रमिकों के लिए बनाए गए शैल्टरों में से कुछ शैल्टर जहां सूने पड़े रहे वहीं कुछ शैल्टरों में नाममात्र के प्रवासी श्रमिक पहुंचे और कई शैल्टरों से प्रवासी श्रमिक खाना खाकर वहां से चले गए। दरअसल, प्रवासी मजदूर हर हाल में या तो अपने पैतृक गांव जाना चाहते हैं या फिर अपने घर वापिस लौटना चाहते हैं। वे इन अस्थाई शैल्टरों में रहने के लिए तैयार नहीं हैं। कई जगह तो पुलिस को जबरदस्ती इन श्रमिकों को रोकना पड़ा जोकि शैल्टर से भागने की कोशिश कर रहे थे। 

फरीदाबाद में लॉक डाउन का आज आठवां दिन था जबकि पूरे देश में लॉक डाउन का छठा दिन रहा। जिले में लगातार प्रवासी श्रमिकों का पलायन हो रहा था। स्थिति यह थी कि सैंकड़ों की संख्या में प्रवासी श्रमिक पैदल ही अपने बच्चों व परिवार के साथ चल पड़े। ऐसे में जहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आईं वहीं लॉक डाउन भी असफल  होता नजर आया। ऐसे में केंद्र सरकार ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया और सभी रा४यों व जिलों की सीमाओं को सील करने के आदेश देते हुए पलायन रोकने के निर्देश दिए।

इस पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रविवार सायं आदेश दिए कि प्रदेश व जिले की सीमाओं को सील किया जाए और अस्थाई शैल्टर बनाकर इन प्रवासी श्रमिकों के रहने व खाने की व्यवस्था की जाए। फरीदाबाद में सरकारी स्कूलों व राधा स्वामी सत्संग केंद्रों पर अस्थाई आश्रय स्थल बनाए गए। सरायख्वाजा स्थित सरकारी स्कूल में जब पंजाब केसरी की टीम रियलिटी चैक के लिए पहुंची तो वहां एक भी प्रवासी श्रमिक नहीं मिला। वहीं अनेक अस्थाई शैल्टरों पर नाममात्र को ही श्रमिक नजर आए। दरअसल, श्रमिक हर हाल में अपने घर जाना चाहते हैं।  इसलिए वे इन अस्थाई शैल्टरों में रहने को तैायर नहीं है। प्रशासन द्वारा पलायन रोकने के लिए की गई व्यवस्था से ये श्रमिक दूर नजर आए।

अस्थाई शैल्टरों में ये हैं इंतजाम
प्रशासन द्वारा बनाए गए अस्थाई शैल्टरों में कमरों में दरियां बिछाई गई हैं। वहीं कुछ कमरों में पंखों की भी व्यवस्था है। लोगों के पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। वहीं प्रशासन व समाज सेवी संस्थाओं के सहयोग से उन्हें खाना पहुंचाया जा रहा है।  वहीं सफाई व्यवस्था की बात करें तो सफाई की कमी इन आश्रय स्थलों में देखी जा सकती है। इसके अलावा कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए जहां मास्क पहनने की प्रशासन हिदायत दे रहा है वहीं इन आश्रय स्थलों में आने वाले लोगों के लिए मास्क की कोई सुविधा नहीं हैं। यहां तक कि जो स्टाफ इन आश्रय स्थलों पर तैनात किया गया है, उन्हें  भी मास्क नहीं मुहैया कराया जा रहा। केवल आश्रय स्थल को सैनीटाइज किया गया है।

Shivam