कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत कोरोना से नहीं, बल्कि प्राईवेट अस्पताल की लापरवाही से हुई

6/11/2020 8:54:53 PM

गुरुग्राम (मोहित): हरियाणा का जिला गुरुग्राम कोरोना काल में कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पाट बन गया है। पूरे प्रदेश में जितने कोरोना के मामले हैं, उसके आधे गुरुग्राम जिले से ही हैं। वहीं कोरोना संक्रमितों की मौत के मामले में भी गुरुग्राम दूसरे नंबर पर चल रहा है। इसी बीच यहां एक कोरोना संक्रमित महिला की मौत कोरोना के कारण न होकर बल्कि प्राईवेट अस्पताल की लापरवाही के कारण हुई बताई जा रही है। जिसकी पुष्टि के लिए झज्जर एम्स के नर्सिंग ऑफिसर का बयान काफी है।

दरअसल, गुरुग्राम के ज्योति पार्क की रहने वाली एक महिला जो कोरोना संक्रमण का शिकार हुई थी, जिसके बेहतर इलाज के लिए परिजनों उसे एक जून को सेक्टर 37 के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। लेकिन वहां महिला की तबियत बिगडऩे के बाद परिजनों ने महिला को झज्जर स्थित एम्स ले जाना चाहा और प्राईवेट अस्पताल के डॉक्टरों से रेफर करने की विनती की।



परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर महिला को रेफर करने में आनाकानी करते रहे, लेकिन जब अंत में रेफर किया तो मरीज के साथ भारी लापरवाही बरती गई। महिला की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण गुरुग्राम के अस्पताल से झज्जर के एम्स तक ले जाते समय रास्ते में हो गई।

वहीं झज्जर एम्स के नर्सिंग ऑफिसर लोकेश यादव ने बताया कि मरीज को डिस्चार्ज करते समय निजी अस्पताल की तरफ से जो सुविधाएं दी गई थी, उसमें बहुत खामियां थी और सबसे बड़ी लापरवाही ऑक्सीजन को लेकर थी, जो मरीज को पर्याप्त मात्रा ने नहीं मिल पाई, जिससे उनकी मौत हो गई। नर्सिंग ऑफिसर लोकेश ने इस पूरे मामले की जानकारी गुरुग्राम के जिला उपायुक्त को ट्वीट पर दी है, जिसके बाद जिला उपायुक्त ने मामले में जांच करने का आश्वासन दिया है। हालांकि परिजनों ने चीफ मेडिकल ऑफिसर को भी शिकयत दे दी है।



गौरतलब है कि शुरुआत में कई प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों को एडमिट करने से कतरा रहे थे, लेकिन जिला उपायुक्त के सख्त आदेश के प्राईवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों को एडमिट करना शुरू कर दिया गया है, लेकिन इलाज के नाम पर उगाही का काम मरीजों के परिजन से किया जा रहा है, इस दावे को महिला की मौत के मामले को ध्यान में रखते हुए नकारा नहीं जा सकता है।

Shivam