कोरोना वायरस : डेढ़ सौ साइट्स पर रुके हैं काम, 22 हजार से अधिक मजदूर हुए बेकार

3/28/2020 12:01:24 PM

गुडग़ांव (ब्यूरो) : विश्वव्यापी कोरोना की महामारी के दौरान गुडग़ांव और आसपास में जहां हजारों की तादात में कंपनियां भी लॉक डाउन हो गई हैं, तो वही समय सीमा के भीतर प्रोजेक्ट पूरा करने की कोशिशें भी नाकाम हो गर्ई है। सामान्य दिनों में आए दिन धरना-प्रदर्शन और कानूनी प्रक्रियाओं से जूझ रहे बिल्डर कोरोना के संकट में फंस कर काम को ठप्प कर दिए हैं। गुडग़ांव में करीब डेढ सौ निर्माणाधीन प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य पूरी तरह थम गया है और इनपर काम करने वाले मजदूर भी गांवों की तरफ पलायन करने को विवश हो गए हैं। 

करीब 22 हजार से अधिक मजदूर निर्माण कार्यो में लगे हैं जिनमें से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर चुके  हैं। इस संकट से उबरने के लिए केंद्र सरकार ने लॉक डाउन का राहत पैकेज घोषित किया है। जिसमें गत पंद्रह साल में सबसे कम रेपो दर किया गया है जो कि अब महज 4.4 फीसद हो गया है। इतना ही नहीं ईएमआई जमा करने में भी लोगों को छूट प्रदान कर दिया गया है जिसका गुडग़ांव के एक लाख से अधिक लोगों पर असर पड़ेगा। 

लॉक डाउन के दौरान ही बिल्डरों ने अपने प्रोजेक्ट को लेकर लंबे चौड़े प्लान तैयार कर लिया था लेकिन ऐनवक्त सेहत की इस महामारी ने कारोबार पर बुरा असर डाला है। हालांकि घरों में बैठे लोग ऑनलाइन साइट और काउंसिलिंग के माध्यम से नए आफर्स को लेने के लिए सम्पर्क बना रहे हैं। रियल एस्टेट सेक्टर को अप्रत्यक्ष रूप से बहुत नुकसान भी हो रहा जिसमें सभी बिल्डर प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य रुके हुए हैं। लॉक डाउन के दौरान साईट विजिट नहीं हो पाने के कारण कारोबार प्रभावित हो रहा है। एमआरजी और सत्वा ग्रुप के निदेशक बताते हैं कि अभी  किसी भी तरह के प्रभाव का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी। 

तीन माह आपके खाते से नहीं कटेगी ईएमआई 
कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने रेपो रेट, बैंक रेट सहित विभिन्न बैकिंग दरों में कटौती किया है। जिसका एक अर्थ है कि लोगों को सस्ते दरों पर कर्ज उपलब्ध होगा तो वहीं तीन माह तक ईएमआई किसी भी प्रकार की हो उसकी किश्त खाते से नहीं बैंक काटेगा। गुडग़ांव में करीब एक लाख लोग हैं जो कि अपने घरों को लेकर बैंक को नियमित ईएमआई की रकम अदा करते हैं। लेकिन लॉक डाउन के इस संकट के दौर में उनको बड़ी राहत मिली है और तीन माह तक कोई रकम नहीं जमा करनी होगी।

Isha