घाटे में निगम की सिटी बस, स्टाफ की तनख्वाह तक नहीं निकल रही

1/5/2020 1:07:16 PM

करनाल(मनोज): नगर निगम की सिटी बस सेवा घाटे का सौदा बन गई है। आंकड़े बताते हैं कि हर महीने इस प्रोजैक्ट से 7 से साढ़े 7 लाख का बोझ खजाने पर पड़ रहा है। सिटी बसों की इन्कम 2 से अढ़ाई लाख रुपए महीना है। जबकि 9 से 10 लाख रुपए का खर्च आ रहा है। 29 ड्राइवर व कंडक्टर इनमें तैनात किए गए हैं। इनकी तनख्वाह तक सिटी बस की आमदनी से नहीं निकल रही। मुनाफा तो दूर की बात है। इधर, सरकार ने भी ग्रांट देने से हाथ खींच लिए हैं।

स्थानीय निकायों को आत्मनिर्भर बनने की सलाह पहले ही दी जा चुकी है। 20 जनवरी 2018 को सी.एम. मनोहर लाल ने इन बसों को हरी झंडी दिखाई थी। उम्मीद थी कि शहर के लोगों को सुविधा के साथ ही निगम की इंकम भी बढ़ेगी लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो पाया। आंकड़े बताते हैं कि सिटी बस से लॉस का ग्राफ बढ़ रहा है। जबकि आमदनी का ग्राफ दिनोंदिन घट रहा है। शुरूआत के 101 दिनों में नगर निगम 18.56 लाख का नुक्सान झेला था। यानी रोजाना औसतन 18334 रुपए का घाटा। ज्यों-ज्यों बसें पुरानी होंगी खर्च का ग्राफ और बढ़ता जाएगा।   

घाटे की बड़ी वजह : बस कब आएगी पता ही नहीं 
सिटी बसों के घाटे में जाने की सबसे बड़ी वजह लोगों को बसों की समय सारिणी की जानकारी नहीं होना है। सिटी बस में अक्सर सफर करने वाले राजबीर, पवन व विनोद ने कहा कि किस जगह कब-कब बसें आएंगी। कहां जाएंगी। इसकी जानकारी सवारियों के पास नहीं है। 2 साल बाद भी शहर तो दूर पुराने बस स्टैंड तक पर सिटी बसों की लिस्ट नहीं है। निगम को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।  

1.32 करोड़ में खरीदी थी 4 बस 
निगम ने 3 ए.सी. व 3 साधारण सहित 6 बसें 1.32 करोड़ रुपए में खरीदी थी। 20 जनवरी 2018 को सी.एम. मनोहर लाल ने इन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। शुरुआत में ड्राइवर व कंडक्टर के लिए ठेकेदार को हर महीने 5.81 लाख रुपए में ठेका दिया गया था। 17 स्थानों पर बस क्यू शैल्टर बनाने के लिए 46 लाख रुपए का टैंडर अलग से लगाया था। 

स्टाफ की तनख्वाह तक नहीं निकल रही 
6 सिटी बसों में ड्राइवर व कंडक्टर 2 शिफ्टों में काम करते हैं। 15 कंडक्टर हैं। जबकि ड्राइवरों की संख्या 14 है। इनकी औसत तनख्वाह 14000 हजार रुपए महीना है। यानी हर महीने 4.06 लाख रुपए। इसके अलावा ठेकेदार को 2 प्रतिशत सॢवस टैक्स अलग से देना पड़ता है। शुरूआत के 162 दिन में 6 बसों ने 19.13 लाख का तेल फूंका था। इस हिसाब से रोजाना तेल खर्च की औसत ही 11810 रुपए के करीब बनती है।  

धीरज कुमार, डी.एम.सी., नगर निगम, करनाल ने कहा कि सिटी बस सॢवस लोगों की सुविधा के लिए शुरू की गई है। सिटी ट्रांसपोर्ट की ऐसी व्यवस्था से शहर स्मार्ट बनता है। जहां तक बस क्यू शैल्टर शुरू करने की बात है तो इन्हें भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। 

Edited By

vinod kumar