हाऊस की बैठक को तरसे पार्षद, अगस्त के बाद अभी तक नहीं बुलाई गई मीटिंग

12/29/2019 12:53:19 PM

करनाल(मनोज) : सी.एम. सिटी के पार्षद हाऊस की मीटिंग के लिए तरस गए हैं। हर महीने तो दूर की बात 4 माह बीत जाने के बाद भी बैठक नहीं बुलाई जा रही। फिलहाल इसको लेकर कोई सुगबुगाहट भी नजर नहीं आ रही है। मीटिंग में देरी से ठंड के बावजूद पार्षदों का पारा बढऩे लगा है। नाराज पार्षदों का कहना है कि उनकी पावर ही तब है जब हर महीने हाऊस की बैठक बुलाई जाए। 

शहर की सरकार के मन में टीस है कि वह अपने वार्ड के विकास कार्यों के मुद्दे किसके सामने रखें। हाऊस की मीटिंग में पास होने के बाद भी जिन एजैंडों पर काम शुरू नहीं हुआ उसके लिए किससे जवाब मांगे। हैरानी की बात यह है कि सभी 20 पार्षद चाहते हैं कि मीटिंग हो। बावजूद इसके इसकी तारीख निर्धारित नहीं हो रही। न ही पार्षदों से एजैंडे के लिए कार्यों की लिस्ट मांगी जा रही है। यह हाल तब है जब हर मीटिंग में पार्षद यह भी तय करते हैं कि महीने में कम से कम एक बैठक तो जरूर करवाएं। 

कब शुरू होगी यह व्यवस्था 
गत जुलाई में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विकास सदन में पार्षदों के साथ मीटिंग की थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में नगर निगम व अन्य स्थानीय निकाय की स्वतंत्रता के लिए अंतर जिला परिषद का गठन किया गया है। साथ ही नगर निगम में भी विधानसभा की तर्ज पर सैशन होंगे। हर महीने बैठक होगी। सैशन की स्पीकर मेयर होंगीं। विधायक, उच्चाधिकारी व अन्य वी.आई.पी. गैलरी में बैठेंगे। यह व्यवस्था प्रदेशभर में लागू होगी। करनाल नगर निगम से इसकी शुरूआत होनी है। इसका अभी तक इंतजार है।  

धीरज कुमार, डी.एम.सी., नगर निगम, करनाल ने कहा कि  हाऊस की बैठक का फिलहाल कोई शैड्यूल नहीं है। मेयर व पार्षद जब चाहे बैठक बुला सकते हैं। उनके कहने पर ही पहले तारीख तय होगी। इसके बाद सभी पार्षदों से एजैंडे के लिए प्रस्ताव मांगे जाएंगे। एजैंडा तैयार करने के बाद बैठक होती है। 

इसलिए जरूरी है बैठक 
निगम से संबंधित शहर के विकास के लिए बड़े प्रोजैक्ट पर पार्षदों की मंजूरी जरूरी है। 4 महीने से मीटिंग नहीं होने का मतलब है विकास पर मंथन ही नहीं हो रहा। 20 पार्षद अपने वार्डों के मुद्दे लेकर बैठे हैं। मीटिंग होगी तभी अधिकारियों के सामने एक-एक करके इन्हें उठाएंगे। मीटिंग नहीं होने से शहर के विकास के लिए जरूरी एजैंडे पास नहीं हो पा रहे। हर महीने बैठक होगी तभी शहर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।  

अधिकारियों को नहीं आई रास 
हाऊस की बैठक का इतिहास रहा है कि अब तक मीटिंग अधिकारियों को कभी रास ही नहीं आई। हर मीटिंग में वह पार्षदों के निशाने पर रहे। नाराज पूर्व पार्षद सामूहिक इस्तीफे तक की पेशकश कर चुके हैं। अक्तूबर 2016 में पूर्व पार्षद बाघ सिंह ने एजैंडे की कॉपी तक फाड़ दी थी। वह विकास कार्य नहीं होने से आहत थे। काम न होने से नाराज पूर्व पार्षद तितोरिया ताला तक लेकर पहुंच गए थे। यही नहीं अधिकारियों पर कमीशन तक के आरोप पूर्व पार्षद लगा चुके हैं। कई बार तो अधिकारियों व पार्षदों में तकरार काफी बढ़ जाती है। इसलिए अधिकारी भी इस मीटिंग से किनारा ही करते हैं।  

Edited By

vinod kumar