कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: तहसीलदार समेत 13 को सज़ा, BDPO, सरपंच और नंबरदार भी शामिल
punjabkesari.in Saturday, Dec 20, 2025 - 09:24 PM (IST)
करनाल : करनाल में सरकारी जमीन को अवैध रूप से निजी हाथों में पहुंचाने के मामले में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट खुशबू गोयल की अदालत ने तहसीलदार समेत 13 दोषियों को 5 से 7 साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने माना कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी भूमि को हड़पने का प्रयास किया।
कोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले में पंचायत स्तर से लेकर राजस्व विभाग तक के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई। फर्जी आवंटन पत्र बनाए गए, जमीन की खरीद-फरोख्त के झूठे दस्तावेज तैयार किए गए और सरकारी रिकॉर्ड में अवैध बदलाव किए गए। अदालत ने इसे गंभीर आपराधिक साजिश करार दिया।
अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में नरमी दिखाना समाज और शासन व्यवस्था दोनों के लिए गलत संदेश देगा। दोषियों पर कुल 5 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसे राज्य को हुए नुकसान की आंशिक भरपाई माना गया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त सजा का भी प्रावधान रखा गया है।
एक आरोपी के फरार होने के चलते अदालत ने उसकी गिरफ्तारी तक केस रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकारी संपत्ति की रक्षा न्यायपालिका की जिम्मेदारी है और भूमि घोटालों पर कठोर दंड आवश्यक है। यह फैसला भविष्य में ऐसे मामलों के लिए एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।
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