हरियाणा में आयुष्मान कार्ड और चिरायु योजना पर संकट, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को दी ये चेतावनी

3/21/2024 4:24:10 PM

रोहतक (दीपक भारद्वाज) : हरियाणा सरकार की गरीब लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड व चिरायु योजना पर संकट मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है। निजी अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड और चिरायु योजना के तहत इलाज को बंद करने की सरकार को चेतावनी दी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA ने सरकार को 30 मार्च तक का टाइम देकर मांगे मानने की चेतावनी दी है, अन्यथा 30 मार्च के बाद आयुष्मान कार्ड और चिरायु योजना के तहत होने वाले इलाज को निजी अस्पताल में बंद करने की चेतावनी दी है।

प्रदेश सरकार द्वारा 2017 व 18 से शुरू की गई आयुष्मान कार्ड योजना और चिरायु योजना के तहत गरीब लोगों को निजी अस्पताल में भी मुक्त इलाज देने के बाद आम लोगों को काफी राहत मिली थी। ऐसे में गरीब लोग भी अपना इलाज निजी अस्पतालों में भी आसानी से करवा सकते थे, लेकिन सरकार की आयुष्मान कार्ड और चिरायु योजना पर संकट मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है। दरअसल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA ने सरकार को स्पष्ठ शब्दों में चेतावनी दी है कि 30 मार्च तक उनकी मांगे नहीं मानी तो 30 मार्च के बाद निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड और चिरायु योजना के तहत इलाज को बंद कर दिया जाएगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला प्रधान रविंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार को 30 मार्च तक का समय दिया गया है फिर भी सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।


आईएमए के जिला प्रधान रविंद्र हुड्डा ने बताया कि सरकार समझौते का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों ने पहले हड़ताल कर इन योजनाओं के तहत इलाज को बंद कर दिया था, लेकिन सरकार के साथ बातचीत हुई और कुछ बातों पर सहमति बनी है। यदि सरकार ने उनकी सभी मांगें नहीं मानी तो 30 मार्च के बाद में निजी अस्पताल में इलाज को बंद कर दिया जाएगा। 

रविंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार केवल गरीबों को फायदा देना चाहती है जबकि डॉक्टरो को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले आयुष्मान कार्ड योजना के तहत इलाज के 15 दिन के अंदर ही पैसे आने की बात कही थी लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 लाख 80 हजार रुपए तक के लोग इस योजना में आते थे, लेकिन अब सरकार 10 लाख तक इनकम वाले लोगों को भी इस योजना के तहत ले रहे है, जिसकी एवरेज में कुछ पैसे लिए जाते है। उन्होंने कहा कि जब सरकार पैसे ले रही है तो डॉक्टरों के भी योजना के तहत रेट बढ़ाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार केवल डॉक्टरों पर दबाव बनाना चाहती है।

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Content Writer

Manisha rana